शिमला,20 अप्रैल: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू इन दिनों हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में चार दिवसीय दौरे पर आई हैं। बुधवार सुबह राष्ट्रपति का काफिला प्रतिबंधित मार्ग मॉल रोड़ से ऑडिट एंड अकाउंट जनरल के प्रशिक्षण केंद्र से होकर गुजर रहा था। इसी दौरान रिज मैदान की तरफ से एक एंबुलेंस भी आ गई, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने वहां तक़रीबन पंद्रह मिनट तक रोके रखा था। मामला जब मिडिया में गरमाया तो पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने छानबीन की कदमताल शुरू कर दी।
शिमला एसपी ने अपने स्तर पर की छानबीन
मिल रही जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति के काफिले के गुजरने तक रोकी गई एम्बुलेंस के कारण प्रदेश भर में वीवीआईपी कल्चर की किरकिरी होने लगी। जिसके चलते एसपी शिमला संजीव गांधी ने तुरंत ही इस मामले को लेकर मौखिक जांच करना शुरू कर दी।
जांच में उन्होंने बताया कि, एम्बुलेंस में एक मानसिक रोगी था। जिसे आईजीएमसी में चेकअप करवाने के बाद वापस शैल्टर होम में छोड़ने के लिए ले जाया जा रहा था।
एम्बुलेंस चालक की सहमती के बाद गुजरा राष्ट्रपति का काफिला
एसपी शिमला ने आगे बताते हुए कहा कि, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस के चालक से एमरजेंसी को लेकर पूरी चर्चा की थी। जिसमें एम्बुलेंस चालाक ने पुलिस को कहा कि मानसिक रोगी को शेल्टर होम में ले जाना है। राष्ट्रपति के काफिले को गुजरने तक रोगी वाहन को रोकने में कोई दिक्कत नहीं है।
एम्बुलेंस चालाक की सहमती के बाद ही राष्ट्रपति के काफिले को वहां से गुजरने दिया गया। मालूम हो, शिमला का मालरोड व रिज मैदान वाहनों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है। यहां से केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यपाल के काफिले के अलावा एम्बुलेंस को ही गुजरने की अनुमति है।