हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में सेवानिवृत परिचालकों को दोबारा रोजगार देने पर हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने एचआरटीसी के प्रबंधन निदेशक को अदालत के समक्ष तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने ये आदेश पारित किए। मामले की सुनवाई 5 अप्रैल 2023 को निर्धारित की गई है।
कौशल विकास योजना के तहत परिचालक का प्रशिक्षण ले चुके 174 युवाओं ने हाईकोर्ट के समक्ष अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि निगम में 476 परिचालकों की कमी चल रही है। इसके लिए निगम ने सेवानिवृत परिचालकों को दोबारा रोजगार देने की योजना बनाई है। इसके लिए निगम ने सरकार से स्वीकृति मांगी है।
अदालत ने कहा कि जब निगम के पास परिचालकों के पद खाली हैं तो उस स्थिति में याचिकाकर्ताओं को पहले रोजगार देना चाहिए था। अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2015 में उन्होंने कौशल विकास योजना के तहत परिचालक का प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
उसके बाद उन्होंने तीन वर्ष तक अपनी सेवाएं निगम में दीं। वर्ष 2018 में उनकी सेवाओं को बर्खास्त कर दिया था। दलील दी गई कि जब निगम के पास प्रशिक्षित परिचालक हैं तो सेवानिवृत्त परिचालकों को दोबारा नियुक्ति क्यों दी जा रही है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से गुहार लगाई है कि उन्हें परिचालक के पद पर तैनात किए जाने के आदेश पारित किए जाएं।