बिलासपुर, 23 मार्च - नेहरू युवा केंद्र बिलासपुर के सौजन्य से ग्राम पंचायत बैहना जट्टा के अंतर्गत डॉक्टर भीम राव अंबेडकर युवक मंडल बैरी दडोला के प्रतिनिधियों और सदस्यों द्वारा 23 मार्च 2023 को शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह , राजगुरु व सुखदेव जी की पुण्यतिथि मनाई गयी।
जिसमें ग्राम पंचायत बैहना जट्टा के उप प्रधान मनमोहन सिंह ने मुख्यतिथि के रूप मे शिरकत की युवक मंडल के प्रतिनिधियों और सदस्यों तथा ग्राम के युवाओ ने प्रभात फेरी निकाल कर लोगो को शहीदी दिवस के प्रति जागरूक किया और उनके शहीद ए आजम भगत सिंह के बलिदान के बारे मे बताया उसके बाद युवक मंडल के सदस्यों और प्रतिनिधियों द्वारा शहीदों को फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी गयी।
युवक मंडल के प्रधान मुनीश कुमार ने बताया कि शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को न जानता हो। ब्रिटिशों से भारत की आज़ादी के लिए उनके द्वारा किये गये बलिदान को दुनिया जानती है। देश की स्थिति ने एक होनहार बालक की मनोदशा को इस प्रकार बदल दिया की अपने कार्यों से इनका नाम भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया। 23 वर्ष की आयु में देश के लिए फांसी पर झूल कर भगत सिंह पूरे देश में “इंकलाब” की ज्वाला भड़का दिए। भगत सिंह जानते थे कि भारत में और भगत सिंह की आवश्यकता है जो उनके फांसी के बाद ही पूरी हो पायेगी।. भगत सिंह देशभक्ति के प्रतीक हैं।
उनके विचार और विचारधारा आज़ादी के इतने सालों बाद भी युवाओं को उसी रूप में प्रभावित करती है। देश की स्थिति को देखकर वो जान गये थे कि अहिंसा से कभी आज़ादी नहीं मिलेगी। आज़ादी के लिए लड़ना पड़ता है आवाज उठाना पड़ता है। भगत सिंह के देश के लिए किये गये त्याग और बलिदान को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। ग्राम पंचायत बैहना जट्टा के उप प्रधान मनमोहन सिंह ने समस्त युवाओ को संबोधित किया और बताया भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को हुआ है और वही इनकी वीरगति 23 मार्च 1931 को हुआ है, भगत सिंह भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे, तथा इन्होंने ने चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया था।सरदार भगत सिंह एक युवा भारतीय क्रांतिकारी थे, जिन्हें शहीद भगत सिंह भी कहा जाता है। भगत सिंह को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे प्रतिभाशाली क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है।
स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान उन्होंने इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगाते हुए आत्मसमर्पण कर दिया, इंकलाब जिंदाबाद का अर्थ है क्रांति की जय हो, 23 मार्च 1931 को भगत सिंह को शिवराम राजगुरु तथा सुखदेव थापर के साथ फांसी दी गई और इस प्रकार भगत सिंह भारत माता के लिए शहीद हो गए।
भारत की आजादी में भगत सिंह का महत्वपूर्ण योगदान है, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कठिन संघर्ष किया, उनके योगदान तथा बलिदान के लिए सभी भारतवासियों को भगत सिंह तथा उनके साथियों पर गर्व है, इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था। इस मौके पर डॉक्टर भीम राव अंबेडकर युवक मंडल बैरी दडोला के प्रधान मुनीश कुमार,उप प्रधान मोहित कुमार,सचिव विशाल कुमार,कोषा अध्यक्ष पलक, अनमोल, करण कुमार , हेमलता, पलक, सनेहा , नवीन गुरुप्रीत,मनप्रीत,गुरप्रीत, जसप्रीत, हरि ओम, रोबिंन चंदेल,संदीप,साहिल, प्रिंस,नितिन, आदि सदस्य मौजूद रहे l