हिमाचल प्रदेश में बनने जा रही कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे होंगे। कौल सिंह ठाकुर, रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी, प्रकाश चौधरी और ठाकुर सिंह भरमौरी के हारने से अन्य नेताओं की लॉटरी लगने के आसार बन गए हैं। पुराने मंत्रियों में धनीराम शांडिल, मुकेश अग्निहोत्री, सुधीर शर्मा और चंद्र कुमार ने जीत दर्ज की है। प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री के अलावा 11 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
नादौन से विधायक बने सुखविंद्र सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं। सुक्खू की ताजपोशी होने से राजेंद्र राणा और आईडी लखनपाल के मंत्री बनने के आसार कम हो जाएंगे। सुक्खू अगर मुख्यमंत्री नहीं बने तो उन्हें ही मंत्री बनाए जाने के आसार अधिक हैं। जिला ऊना के हरोली से जीते मुकेश अग्निहोत्री भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। इस दौड़ में मुकेश के पिछड़ने से इनका मंत्री पद पक्का है।
कांगड़ा से सुधीर शर्मा, चंद्रकुमार, संजय रत्न और आशीष बुटेल मंत्री पद के दावेदार होंगे। बिलासपुर से राजेश धर्माणी को मंत्री पद मिल सकता है। सिरमौर से हर्षबर्द्धन चौहान और विनय कुमार में से एक को मंत्री बनाया जा सकता है। सोलन से धनीराम शांडिल के साथ राम कुमार चौधरी की दावेदारी भी मंत्री पद के लिए होगी। जिला कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर को मौका मिल सकता है। किन्नौर से जगत सिंह नेगी भी इस बार बड़े पद के लिए दावेदारी करने को तैयार हैं। लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर और जिला चंबा से कुलदीप सिंह पठानिया भी मंत्री पद चाहेंगे। जिला शिमला से मंत्री बनाने के लिए पार्टी को खूब माथापच्ची करनी पड़ेगी। यहां से विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह, रोहित ठाकुर, नंद लाल और कुलदीप सिंह राठौर में से किन्हीं दो को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है।
मंडी जिला के धर्मपुर से जीते चंद्रशेखर बन सकते हैं मंत्री
जिला मंडी में नौ सीटें गंवाने वाली कांग्रेस को सिर्फ एक ही सीट पर जीत नसीब हुई है। धर्मपुर से पार्टी प्रत्याशी चंद्रशेखर ने भाजपा के कद्दावर नेता और निवर्तमान मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के पुत्र रजत ठाकुर को हराया है। कांग्रेस सरकार के नए मंत्रिमंडल में मंडी जिला को हिस्सेदारी देने के लिए चंद्रशेखर को मंत्री पद मिलने की संभावना बन गई है।
जातीय, क्षेत्रीय और आयु समीकरण भी पड़ेंगे साधने
कांग्रेस को नए मंत्रिमंडल के गठन के लिए जातीय, क्षेत्रीय और आयु समीकरण भी साधने पडे़ंगे। अनुभवी नेताओं के साथ युवाओं को भी मंत्रिमंडल में तरजीह देनी होगी। क्षेत्रीय समीकरण बैठाने को जिला कांगड़ा और शिमला की भागीदारी पार्टी को मंत्रिमंडल में बढ़ानी पड़ेगी। जातीय संतुलन बनाने के लिए ब्राह्मण, राजपूत, ओबीसी और अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग से भी मंत्री बनाने होंगे।
संतुलन बनाने को डिप्टी सीएम का खेला जा सकता है कार्ड
हिमाचल प्रदेश में गुटों में बंटी कांग्रेस में संतुलन बनाने के लिए पार्टी डिप्टी सीएम का कार्ड भी खेल सकती है। इसके तहत एक धड़े से मुख्यमंत्री बनाने के साथ दूसरे धड़े से डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। अन्य नेताओं को मंत्री पद देकर पार्टी एकजुटता का संदेश दे सकती है। पार्टी विधायकों में उच्च पदों को लेकर टूट फूट ना हो, इसके लिए योजना पर भी काम शुरू कर दिया गया है। हिमाचल कांग्रेस में नेताओं की सेकेंड लाइन तैयार करने की कवायद से भी इसे जोड़ कर देखा जा रहा है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को दी बधाई
अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और प्रदेश मामलों के प्रभारी सांसद राजीव शुक्ला, सह प्रभारी तजेंद्र पाल बिट्ट और सह सचिव गोकुल बुटेल ने गुरुवार दोपहर बाद नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मालिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। पार्टी नेताओं ने उन्हें हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की शानदार जीत पर फूलों का गुलदस्ता देकर बधाई दी।