उन्होंने कहा कि इस फोरलेन के बनने से बिलासपुर की दूरी कैची मोड़ से मात्र 22 किलोमीटर होगी। कुल 47 किलोमीटर के इस फोरलेन में छोटी-बड़ी 5 टनल और 22 मुख्य व 14 छोटे पुलों का निर्माण हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस फोरलेन में 48 छोटे बड़े पुलों का निर्माण हो रहा है। जिसमें से अब तक 22 मुख्य पुलों में से लगभग 18 पुल तैयार हो चुके हैं और 6 बड़े पुल निर्माणाधीन है इसके अतिरिक्त 16 छोटे पुलो में से 14 पुल तैयार हो चुके हैं और बाकी दो पुल निर्माणाधीन है जिसका निर्माण समय पर पूरा किया जाएगा।
किरतपुर- नेरचौक पर पांच टनल बनाई जा रही हैं। इन सभी टनल के दोनो छोर पहले ही मिल चुके हैं।
टनल नंबर एक स्वारघाट के कैंची मोड़ जगह पर बनाई जा रही है। 1800 मीटर यह टनल परियोजना की सबसे लंबी टनल है। टनल नंबर तीन तुन्नु में है, जिसकी लंबाई 550 मीटर है। टनल नंबर चार टीहरा में है, जिसकी लंबाई 1,265 मीटर है। टनल नंबर पांच भवाणा सुंदरनगर में है, जिसकी लंबाई 740 मीटर है। टनल नंबर एक की समानांतर टनल का निर्माण भी शुरू हो चुका है। इसी तरह अन्य टनल के समानांतर एक अन्य टनल का निर्माण होगा, इनका टेंडर होना अभी बाकी है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य को गति प्रदान करने के लिए निरंतर बैठकें आयोजित कर कंपनी प्रबंधन व स्थानीय लोगों से परस्पर सहयोग प्रदान करने का प्रयास किया गया। समय-समय पर जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इस संबंध में स्थानीय स्तर पर भी विवादों को सुलझा कर प्रबंधन के साथ समन्वय स्थापित किया गया ताकि फोरलेन के कार्यों में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो।