वार्षिक औसत के हिसाब से 22,040 मामलों का निपटारा किया जा रहा है। यह प्रतिदिन 104 मामलों को निपटाने के बराबर है। मौजूदा समय में हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश समेत 11 न्यायाधीश हैं। प्रदेश के अधीनस्थ न्यायालयों में कुल 4,74,011 मामले लंबित हैं।
सरकार ने निचली अदालतों के लिए कुल 171 जजों के पदों का सृजन किया है। इनमें केवल 141 जज ही अदालतों में कार्यरत हैं। बाकी राज्य सरकार और हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
एक जज के लिए औसतन 3,361 मामलों को निपटाने का जिम्मा है। लंबित मामलों का निपटारा किए जाने को लेकर हाईकोर्ट गंभीर है। हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को लंबित मामलों का निपटारा किए जाने बारे भी जरूरी आदेश दिए हैं। मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए हाईकोर्ट ने सभी अधीनस्थ न्यायालयों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें पांच साल से अधिक लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने को कहा गया है।