गायों पर वायरस की मार ज्यादा पड़ रही है। इस वायरस के बाद कमजोर गायों की तेज बुखार के बाद त्वचा रोग के कारण मौत हो रही है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि वायरस गंदगी में मक्खियों और मच्छरों से कारण तेजी से फैलता है। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वह गोशालाओं में सबसे पहले साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। कीटनाशकों का छिड़काव करते रहें। किसी पशु पर लंपी स्किन वायरस के लक्षण दिखते हैं तो पशु चिकित्सक की मदद लें।
मरे पशु को चिकित्सक की सलाह से दबाएं
मरे पशु को चिकित्सक की सलाह से दबाएं
पशुपालन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि लंपी त्वचा से मरे पशु को पशु चिकित्सकों की सलाह लेकर उचित गहराई में दबाएं। पशु चिकित्सकों का कहना है कि लंपी त्वता रोग से मरे पशु को छह फीट गड्ढे में नमक और चूना डालकर सही तरीके से दबाएं।
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. प्रदीप शर्मा ने कहा कि लंपी त्वचा रोग की रोकथाम के लिए उपयुक्त कदम उठाए गए हैं। नोडल अधिकारी बराबर निगरानी रखे हुए हैं। पशुओं को वैक्सीन लगाई जा रही है।