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लंपी त्वचा रोग : पंजाब से लाए गए पशु से हिमाचल में फैला लंपी त्वचा रोग, शिमला में आया था पहला मामला

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देश में वर्ष 2019 में पहली बार पशुओं में लंपी त्वचा रोग फैला था। मौजूदा साल में पहली बार हिमाचल में लंपी त्वचा रोग का सबसे पहला मामला शिमला के चेली गांव में पाया गया। यह पशु शिमला जिले में पंजाब से खरीद कर लाया गया था और यह रोग से ग्रस्त था। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में वायरस के फैलने की ज्यादा मामले सामने आए हैं। लिहाजा प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों से पशुओं कोे खरीदने पर फिलहाल पूरी तरह से रोक लगाई हुई है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में वर्तमान में 25 लाख गोधन है।

गायों पर वायरस की मार ज्यादा पड़ रही है। इस वायरस के बाद कमजोर गायों की तेज बुखार के बाद त्वचा रोग के कारण मौत हो रही है।  पशु चिकित्सकों का कहना है कि वायरस गंदगी में मक्खियों और मच्छरों से कारण तेजी से फैलता है। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वह गोशालाओं में सबसे पहले साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। कीटनाशकों का छिड़काव करते रहें। किसी पशु पर लंपी स्किन वायरस के लक्षण दिखते हैं तो पशु चिकित्सक की मदद लें। 

मरे पशु को चिकित्सक की सलाह से दबाएं

पशुपालन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि लंपी त्वचा से मरे पशु को पशु चिकित्सकों की सलाह लेकर उचित गहराई में दबाएं। पशु चिकित्सकों का कहना है कि लंपी त्वता रोग से मरे पशु को छह फीट गड्ढे में नमक और चूना डालकर सही तरीके से दबाएं। 

पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. प्रदीप शर्मा ने कहा कि लंपी त्वचा रोग की रोकथाम के लिए उपयुक्त कदम उठाए गए हैं। नोडल अधिकारी बराबर निगरानी रखे हुए हैं। पशुओं को वैक्सीन लगाई जा रही है। 

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