साथ ही रिवर राफ्टिंग और जिप लाइन आदि गतिविधियां भी आगामी आदेशों तक बंद कर दी हैं। बरसात के चले जिला प्रशासन किसी तरह का खतरा नहीं लेना चाहता है। जिले में ब्यास नदी के साथ पार्वती, तीर्थन तथा जिभी क्षेत्र सहित कई नदी-नालों में कैंपिंग साइटें चल रही हैं, जो बरसात के दिनों के लिए सैलानियों या फिर इसमें काम करने वाले लोगों की जान के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रशांत सरकैक ने बुधवार शाम को आदेश जारी कर बरसात के मौसम को देखते हुए कैपिंग साइटों की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने नदी व नालों में कैंपिंग साइटों को निर्माण किया है, वह इसे यथावत रख सकता है, लेकिन गतिविधियां नहीं चलेंगी।
जैसे ही बरसात खत्म होगी या हालत सामान्य होंगे गतिविधियों को फिर से आरंभ किया जाएगा। उन्होंने जिला पर्यटन विभाग व वन विभाग के अधिकारियों को इस पर नियमित नजर रखने को कहा है। कहा कि अगर कोई नियमों का पालन नहीं करता है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।