डीएमसी में दाखिल गुरविंदर ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला रविवार को अपनी बीमार मौसी का हाल जानने के लिए अपने गांव से निकले थे। जैसे ही मानसा के गांव जवाहरके में पहुंचे तो उनकी हत्या कर दी गई। गोली लगने से घायल गुरविंदर सिंह ने कहा कि मैं गाड़ी में पीछे और दूसरा दोस्त गुरप्रीत सिंह उनके साथ वाली सीट पर बैठा था।
गुरविंदर सिंह ने बताया कि सिद्धू मूसेवाला की मौसी बीमार थी। वह अचानक उनका हालचाल लेने जाने के लिए तैयार हो गया। गाड़ी में पांच लोगों के बैठने की जगह नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपने सुरक्षा कर्मियों को साथ नहीं बैठाया। गुरविंदर सिंह के अनुसार जैसे ही वह गांव से कुछ दूर पहुंचे तो सबसे पहले उनके पीछे से एक फायर हुआ। इतने में एक गाड़ी उनके आगे आकर रुक गई। तभी एक युवक गाड़ी के सामने आया और उसने कई गोलियां चलाईं।
गुरविंदर के अनुसार मूसेवाला ने भी अपनी पिस्तौल से जवाब में दो फायर किए थे, मगर सामने वाले हमलावर के पास आटोमैटिक गन होने के कारण वह लगातार फायरिंग करता रहा। मूसेवाला के दो फायर करते ही हमारी गाड़ी पर तीन तरफ से फायरिंग होने लगी। मूसेवाला ने एक बार गाड़ी को भगाने का प्रयास भी किया लेकिन हमें आगे और पीछे दोनों तरफ से घेर लिया गया था।
डीएमसी के डाक्टरों के मुताबिक गुरविंदर के कंधे पर लगी गोली निकाल दी है और उस पर प्लास्टर कर दिया गया है। गुरप्रीत के शरीर में लगी तीन गोलियों को निकालने के लिए डाक्टरों की एक टीम लगी हुई है।
डीएमसी में पूरी तरह से पुलिस का सख्त पहरा लगाया गया है। घायलों के पास रिश्तेदारों के अलावा किसी को भी नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस के उच्चाधिकारी बीच-बीच में दोनों घायलों से सवाल पूछ रहे हैं हैं और कुछ समय बाद बाहर आ जाते हैं। लुधियाना के पुलिस कमिश्नर डा. कौस्तुभ शर्मा और ज्वाइंट कमिश्नर नरेंद्र भार्गव ने भी अस्पताल पहुंचकर घायलों से बातचीत की है।