एसआईटी का दावा है कि प्रिंटिंग प्रेस में पेपर छपने के बाद इन्हें सील किया गया था। जब इन पेपरों को परीक्षा केंद्रों में खोला गया तो सील वैसे ही बंद पाई गई। लिहाजा, एसआईटी को शक है कि पेपर प्रिंटिंग प्रेस से ही लीक हुआ होगा। वहीं, सीबीआई को केस सौंपने के लिए भी एसआईटी रिकॉर्ड तैयार कर रही है।
सूत्र बताते हैं कि एजेंटों और पेपर लीक गिरोह ने अभ्यर्थियों को जो पेपर रटाया, वह 80 अंकों वाला प्रश्नपत्र था। गिरोह के एक सरगना शिव बहादुर सिंह, एजेंटों और अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ के बाद एसआईटी को कुछ सबूत मिले हैं। अब तक इस मामले में 93 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इनमें अभ्यर्थी, एजेंट और कुछ अभ्यर्थियों के परिजन शामिल हैं। 10 एजेंट बाहरी राज्यों से दबोचे गए हैं। अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों में यह पेपर बंटा है। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि हर पहलू पर जांच की जा रही है। आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं, पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले में गिरोह के सरगनाओं को पकड़ने के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पूरी ताकत झोंक दी है। इस मामले की छह टीमें जांच कर रही हैं, जिनमें से कुछ को बाहरी राज्यों में भेजा गया है।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों से भी बात कर सहयोग मांगा है। दिल्ली के पुलिस आयुक्त से भी इस मामले में संपर्क किया गया है। पेपर लीक मामले के तार बाहरी राज्यों से भी जुड़े हैं। पुलिस का दावा है कि एसआईटी की जांच महत्वपूर्ण चरण में पहुंच चुकी है और जल्द ही मामले में संलिप्त सरगनाओं को बेनकाब कर दिया जाएगा।