वह पिछले छह महीने से खुद ट्रक चलाती हैं और देश के कई राज्यों तक सीमेंट पहुंचाती हैं। नील कमल ने बताया कि उसके पति ट्रांसपोर्टर थे। उनके अपने दो ट्रक हैं, लेकिन वर्ष 2010 में पति की एक सड़क हादसे में मौत होने से परिवार पर आर्थिक संकट आ गया। बेटे की परवरिश और परिवार को संभालने से पहले उसका खुद का संभलना जरूरी थी।
उस बुरे दौर को चुनौती की तरह लेते हुए उसने हालात से संघर्ष करना तय कर लिया। पति की मौत के बाद सदमे से उबरने के अलावा दो ट्रकों की जिम्मेदारी भी उसके पास आ गई। एक ट्रक का तो कर्ज शेष था। शुरुआती दौरे में उसने पहले की तरह काम लेने की कोशिश की, लेकिन चालकों के व्यवहार ने उसे असहज कर दिया।
आखिरकार उसने खुद ही ट्रक चलाने की ठान ली। पहले ट्रक चलाना सीखा और फिर अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी बागा से हिमाचल और देश के अन्य राज्यों तक सीमेंट सप्लाई में लग गई। नील बताती हैं कि अब उन्हें ट्रांसपोर्टर और ट्रक चालक की भूमिका परेशान नहीं करती। सीमेंट सप्लाई टूर के दौरान कई बार रात को ट्रक में ही विश्राम करना पड़ता है, जिसे वह पूरे आत्मविश्वास के साथ कर लेती हैं।