एचआरटीसी के बेड़े में नई बसों के आते ही पुरानी कंडम बसों की नीलामी संबंधी कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हिमाचल के सभी डिपो में पुरानी व कंडम बसें मौजूद है। बसों को चलाने के लिए सबसे ज्यादा पहाड़ी क्षेत्रों में चालकों व परिचालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एचआरटीसी के मंडी डिवीजन के डीएम डा. संतोष कुमार ने कहा कि मंडी डिवीजन को नई बसों की सौगात मिलते ही पुरानी 40 बसों को कंडम घोषित किया जाएगा। साथ ही उनकी निलामी भी कर दी जाएगी।
8.50 लाख किलोमीटर सफर कर चुकी बसें कंडम
एचआरटीसी 8.50 लाख किलोमीटर सफर तय कर चुकी बसों को कंडम घोषित करेगी। निगम के सभी डिविजनों में डिपो के आधार पर नई बसें मिलेगी। इसमें प्रदेश के मंडी डिवीजन के छह डिपो की 40 के करीब पुरानी बसें कंडम हो चुकी है। मंडी डिवीजन के तहत डिपो मंडी, कुल्लू, केलांग, सुंदरनगर, सरकाघाट व धर्मपुर शामिल है।
एचआरटीसी को नए सत्र में मिलने वाली 200 बसों में एसी व नॉन एसी बसें शामिल है। इसके साथ 50 छोटी इलेक्ट्रिकल बसें शामिल हैं, जो प्रदेश के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत धर्मशाला और शिमला डिवीजन को दी जाएगी। इससे पहले मंडी डिविजन को सरकार की तरफ से पहले ही 25 छोटी इलेक्ट्रिकल बसें दी जा चुकी हैं। इसमें कुल्लू और मंडी डिपो में 5-5 व बिलासपुर डिपो में तीन छोटी इलेक्ट्रिकल बसें हैं।