यहां पर फोरलेन निर्माण के लिए 10 टनलों का निर्माण किया जा रहा है, जिनकी कुल लंबाई 21 किमी है। इनमें से 20 किमी टनलों का कार्य हो चुका है और इस कार्य को 15 मिलियन घंटों में पूरा किया गया है। खास बात यह है कि कंपनी ने सुरक्षा के इतने पुख्ता इंतजाम कर रखे थे कि टनल निर्माण के दौरान न तो कोई जानी नुकसान हुआ और न ही किसी को कोई चोट आई।
इस ऐतिहासिक कार्य के लिए एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने प्रशंसा का प्रमाण पत्र देकर कंपनी को सम्मानित किया है। एनएचएआई की तरफ से जारी किए प्रमाण पत्र में सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी बधाई दी गई है। एफकॉन्स के प्रोजेक्ट मैनेजर आरके सिंह ने इसके लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने एनएचएआई का आभार भी जताया है।
इस ऐतिहासिक कार्य के लिए एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने प्रशंसा का प्रमाण पत्र देकर कंपनी को सम्मानित किया है। एनएचएआई की तरफ से जारी किए प्रमाण पत्र में सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी बधाई दी गई है। एफकॉन्स के प्रोजेक्ट मैनेजर आरके सिंह ने इसके लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने एनएचएआई का आभार भी जताया है।
उन्होंने कहा कि यह सब कंपनी के निष्ठावान अधिकारियों, इंजनियर्स और कर्मचारियों की दिन-रात की मेहनत के कारण ही संभव हो पाया है। उन्होंने बताया कि कंपनी को पंडोह बाइपास टकोली प्रोजेक्ट पर काम करते हुए लगभग 4 वर्षों का समय होने वाला है और मात्र एक किमी टनल निर्माण शेष रहा है, जिसे भी समय पर पूरा कर लिया जाएगा।