गौर रहे कि प्रदेश के 40 हजार जेबीटी इन पदों पर केवल जेबीटी की नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं, जबकि इसमें साल 2018 के एनसीटीई के नियमों में संशोधन कर अब बीएड को भी पात्र माना गया है। जेबीटी बनाम बीएड केस में राजस्थान हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। पहले सरकार सीधे सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में थी।
हिमाचल प्रदेश जेबीटी डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि सोमवार से सभी प्रशिक्षुओं ने कक्षाएं लगाईं। सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह उनका केस लड़ेगी।