पीसमील कर्मचारियों के लिए नीति बनाने का मामला अब दिन प्रतिदिन तूल पकड़ता जा रहा है। पीसमील कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार को नौवें दिन में भी प्रवेश कर गई है। ऐसे में अब तकनीकी कर्मचारियों ने भी इनका समर्थन करना शुरू कर दिया है। दिन में एक घंटे कर्मचारियों ने काम करना छोड़ दिया है।
तकनीकी कर्मचारी दिन में एक घंटे रोजाना पीसमील कर्मचारियों के साथ गेट मीटिंग कर रहे हंै। पीसमील कर्मचारियों की हड़ताल के बाद बसों की मरम्मत का सारा काम एचआरटीसी के तकनीकी कर्मचारियों के कंधे पर है। ऐसे में हर दिन करीब एक घंटे गेट मीटिंग के कारण एचआरटीसी की बसों की मरम्मत नहीं हो पा रही है।
प्रदेश भर में करीब 250 से ज्यादा बसें मरम्मत न होने के कारण सड़कों पर खड़ी हो गई है। कर्मचारी हड़ताल पर है। बसों के खड़े होने के कारण कई रूटों पर एचआरटीसी की बस सेवा प्रभावित हो गई हंै। ऐसे में यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार आश्वासन मिलने के बाद भी पीसमील कर्मचारियों की मांग को टाला जा रहा है।
हाल ही में हुई एचआरटीसी की जेसीसी की बैठक में कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया था कि नवंबर में इन कर्मचारियों को अनुबंध पर ले लिया जाएगा, लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों को अनुबंध पर नहीं लिया गया है।
हिमाचल परिवहन निगम पीसमील कर्मचारी मंच के प्रधान खेम चंद, महासचिव एचके शर्मा, संयुक्त सचिव मनोज पाल, उपप्रधान संजीव कुमार, प्रेस सचिव घनश्याम ठाकुर, जोगिंदर पाल, पप्पू कुमार सिंटू, रजत कुमार, विकास मेहरा, सुमन पठानिया पीसमील कर्मचारियों का कहना है कि सरकार व निगम प्रबंधन ने पीसमील कर्मचारियों के साथ ठगी की है जिसके कारण समस्त पीसमील कर्मचारी फिर से आंदोलन के रास्ते पर चलने को मजबूर हो गए हैं।
पीसमील कर्मचारियों की हड़ताल के कारण मामला दिन प्रतिदिन गरमाता जा रहा है। तारा देवी वर्कशॉप में बुधवार को एचआरटीसी की जेसीसी के नेता भी पीसमील कर्मचारियों से मुलाकात करेंगे। वहीं तकनीकी कर्मचारियों ने भी चेतावनी दी है कि अगर 15 दिसंबर तक पीसमील कर्मचारियों की मांगों को नहीं माना जाता है तो फिर तकनीकी कर्मचारी भी हड़ताल करेंगे।