ताजा मामला प्रदेश के मंडी जिले स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेरचौक मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का है। जहां बीते कल उपचार करवाने पहुंचे मरीज अनिल कुमार व प्रमीला को डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी।
इस पर जब वे अल्ट्रासाउंट करवाने पहुंचे तो वहां मौजूद चिकित्सकों ने उनकी पर्ची पर पांच महीने बाद की तारीख यानी 23 मई 2022 लिखकर वापस लौटा दिया।
पांच महीने बाद की दी तारीख-
हैरत की बात तो ये है मरीज को दिक्कत आज हो रही है तो वो पांच महीने बाद अल्ट्रासाउंड करवाकर क्या करेगा। इस वजह से कई मरीजों को प्राइवेज संस्थानों में जाकर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है।
इसके लिए उन्हें 1500 रुपए तक का भुगतान करना पड़ रहा है। परंतु इन में से कुछ मरीज ऐसे भी हैं जो इतना महंगा टेस्ट करवाने में असमर्थ हैं, लेकिन करें भी तो क्या करें अस्पतालों ने उनके समक्ष कोई रास्ता नहीं छोड़ा है।
रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण आ रही है समस्या
इस संबंध में जानकारी देते हुए नेरचौक मेडिकल कालेज के एसएमएस डा. पन्नालाल ने बताया कि अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट की कमी चल रही है। वर्तमान में रेडियोलाजी विभाग सिर्फ एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर और एक असिस्टेंट प्रोफेसर के सहारे चल रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकार को इस संदर्भ में कई बार लिखा भी गया है। परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि यदि अस्पताल में रिक्त पद भर दिए जाते हैं तो समस्या का भी समाधान हो जाएगा।