धर्मशाला : एक तरफ जहां मोदी के जयकारों से मंडी गूंज रहा तो वहीं दूसरी और भाजपा समर्थित एबीवीपी छात्र संगठन भैंस के आगे बीन बजा रहा था। इस अनोखे प्रदर्शन का संयोग एबीवीपी छात्र संगठन द्वारा ठीक उस समय बनाया गया, जब देश के प्रधानमंत्री मंडी में थे।
एक तरफ प्रदेश सरकार अपनी उपलब्धियों के पुलिंदे प्रधानमंत्री के समक्ष बाँध रही थी, तो दूसरी और एबीवीपी छात्र संगठन एचपीयू कुलपति और सरकार की फोटो लगाकर भैंस के आगे बीन बजा रहे थे।
एचपीयू आरसी की ओर से आज विश्वविद्यालय परिसर में भैंस के आगे बीन बजाकर अनोखा धरना-प्रदर्शन किया गया। यह धरना-प्रदर्शन प्रदेश सरकार व कुलपति के खिलाफ था। उनका कहना था कि वर्ष 1992 में रीजनल सेंटर धर्मशाला यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाती है और स्थापना काल से आज तक इस विश्वविद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। यूं तो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का यह दूसरा कैंपस है, लेकिन इस विश्वविद्यालय की स्थिति काफी खराब है।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अभिलाष शर्मा का कहना है कि छात्र एक ऐसे विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर हैं, जिसमें विद्यार्थियों को मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। उनका कहना था कि विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को 12वां दिन भूख हड़ताल करते हुए हो गया है। लेकिन न ही शासन का और न ही प्रशासन का व्यक्ति विद्यार्थियों की सुध लेने के लिए आया है। यह तानाशाह रवैया इनके लिए हानिकारक है। विद्यार्थियों ने मूलभूत सुविधाएं मांगी हैं।
परिषद का कहना है कि मांग पूरी न होने पर परिषद और भी उग्र रूप लेगी और जिसका खामियाजा प्रदेश सरकार और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को भुगतना पड़ेगा। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि आखिर आज ही के दिन क्यों अनोखा प्रदर्शन किया गया।
जब प्रदेश के कोनों-कोनों से लोगों को लाने और ले जाने के लिए बसों का प्रबंध किया गया था। लोगों को न्यौता दे-देकर बुलाया गया था, तो आखिर एबीवीपी छात्र संगठन भैंस के आगे बीन बजाकर क्या कर रहा था।