कविता मानसिक दबाव में थीं
पुलिस जांच में ये भी सामने आया है कि कविता किसी मानसिक दबाव में भी थी। जिला परिषद सदस्य बनने के बाद लोगों के काम का दबाव बना हुआ था, दूसरी तरफ पढ़ाई को लेकर भी थोड़ी परेशान थी। कविता एक होनहार छात्रा थी, UGT नेट की परीक्षा पास कर चुकी है, इतिहास विभाग में एमफिल कर चुकी थी। इसके अलावा कॉलेज कैडर की परीक्षा की तैयारी के साथ साथ पीएचडी के एंट्रेंस टेस्ट की भी तैयारी कर रही थी।
तय हो चुकी थी शादी- हाल ही में खरीदी थी कार
बतौर रिपोर्ट्स, कविता ने चंद रोज पहले ही नई कार खरीदी थी। उसकी शादी भी तय हो चुकी थी। कविता HPU से पीएचडी कर रही थी। कविता की साथी छात्राओं ने भी बताया कि वह मानसिक रूप से परेशान नहीं लगती थी। काफी खुशमिजाज थी। वहीं, जांच के दौरान भी निजी जिंदगी में किसी तरह की पेरशानी की अब तक कोई बात सामने नहीं आई है।
कविता के कमरे की थी दो चाबियां
पुलिस जांच में ये भी पता चला है कि जिस किराए के कमरे में वो रहती थी, उस कमरे की दो चाबियां थी। एक चाबी उसके पास रहती थी और दूसरी उसकी सहेली के पास। ये भी पता चला है कि वारदात के दिन पहले कविता ने शाम को अंधेरा होने का इंतजार किया। अंधेरा होने के बाद कमरे में ताला लगाकर निकल गई।