स्कूल और अभिभावक पर मिलकर लेंगे निर्णय:
शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सरकार ने सभी निजी स्कूलों (Private Schools) को खुद निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र कर दिया है। कहा गया है कि निजी स्कूल स्वयं करें कि उन्हें अपने बच्चों को स्कूल बुलाना है या नहीं। साथ ही कहा गया है कि प्राथमिक कक्षा के बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए बाध्य नहीं किया जाए।
निर्णय लेने के लिए निजी स्कूल और अभिभावक साथ बैठकर तय करें कि प्राथमिक कक्षा के बच्चों को स्कूल बुलाया जाए या नहीं।
सीबीएसई बोर्ड और आईसीएससी बोर्ड और एचपी बोर्ड (HP Board)से एफिलियेटड स्कूलों पर यह निर्णय लागू होगा। यदि बच्चे स्कूल नहीं आते हैं तो बच्चों की नियमित क्लास और परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से होगी।
सरकारी स्कूलों में बच्चे आएंगे:
बता दें कि अभिभावकों ने पिछले दिनों कहा था कि छोटे बच्चों को स्कूल ना बुलाया जाए। ठण्ड में बच्चों को वायरल का ख़तरा रहता है साथ ही कोविड का भी ख़तरा बच्चों के ऊपर बरकरार है।
वहीं, इस अधिसूचना में यह साफ़ नहीं किया गया है कि सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए क्या नया आदेश है। अधिसूचना पूर्ण रूप से सीबीएसई बोर्ड और आईसीएससी बोर्ड और एचपी बोर्ड से एफिलियेटड स्कूलों के बाबत जारी की गई है।
इस अधिसूचना में साफ़ है कि सरकारी स्कूल में बच्चे आठ नवम्बर को कैबिनेट बैठक के अनुसार जारी आदेश के अनुसार आयेंगे. वहीं, निजी स्कूलों के प्राथमिक कक्षा से ऊपर के छात्र पर भी कैबिनेट का ही आदेश जारी होगा.