दरअसल, नवजात के जन्म के समय नवजात के सिर पर कट लग गया था और उपचार के कारण उसे परिजनों से दूर रखा गया और बुधवार को मृत घोषित कर दिया गया. बल्ह उपमंडल के तहत आने वाली रिवालसर तहसील के पाठा गांव के मुंशी राम ने बताया कि बीती 10 नवंबर को उसकी पत्नी दिव्या को मेडिकल कालेज नेरचौक में भर्ती किया गया. 18 नवंबर को उसने एक बेटे को जन्म दिया. डिलीवरी के दौरान नवजात के सिर पर कट (Cut on Forehead) लग गया।
डॉक्टरों ने दी जानकारी डाक्टरों ने माता-पिता को इसकी जानकारी दी और कहा कि इसमें घबराने वाली कोई जरूरत नहीं. इसके बाद बच्चे को विशेष प्रकार के उपकरण में रख दिया गया. दंपति का आरोप है कि उपचार के नाम पर उन्हें भी बच्चे से नहीं मिलने दिया गया. मुंशी राम ने बताया कि 23 नवंबर को डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके बेटे की मौत हो गई है. मुंशी राम का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उनके बेटे की मौत हुई है, जिसके लिए वे अब न्यायलय का दरवाजा खटखटाएंगे।
मेडिकल कॉलेज (Medical Collage) के एमएस डॉ पीएल वर्मा ने मामले पर अनभिज्ञता जाहिर की. उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है और यदि ऐसा हुआ है तो मामले की जांच की जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी।