प्रार्थियों ने याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया कि सभी प्रार्थी पहली जनवरी, 2015 से पूर्व भर्ती हुए जवानों की तरह ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं, परंतु प्रदेश सरकार पहली जनवरी, 2015 से पूर्व भर्ती कांस्टेबल को रिवाइज्ड पे स्केल का लाभ दो वर्ष की नियमित सेवाओं के बाद दे रही है, जबकि उन्हें यह लाभ आठ वर्ष की नियमित सेवाओं के बाद दिया जाता है, जो कानून के विपरीत है।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि प्रार्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में भाग लेते समय इस पहलू को चुनौती नहीं दी थी।
जिसके तहत आठ वर्ष लगातार सेवाएं देने के बाद उन्हें रिवाइज्ड पे स्केल का लाभ दिया जाएगा । कोर्ट ने निर्णय में स्पष्ट किया कि अगर सरकार खुद रिवाइज्ड पे स्केल का लाभ प्रार्थियों को देना चाहे, तो उस स्थिति में कोर्ट का यह फैसला किसी भी तरह से उनके आड़े नहीं आएगा।