वहीं प्रशासन व पशुपालन की टीम दूसरे दिन सुबह मौके पर रवाना हुई और नुक्सान का जायजा लिया, जिसके बाद प्रशासन ने भेड़ पालकों को एक लाख रुपए की राशि फौरी राहत प्रदान की है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 50 लाख रुपए से अधिक का नुक्सान भेड़ पालकों को हुआ है। इस हादसे में 21 भेड़ पालकों की भेड़-बकरियां मरी हैं, जिसमें 10 भेड़ पालक मौके पर मौजूद रहे। इन भेड़ पालकों में 9 लोग धंधरवाड़ी के हैं और एक शीलादेश से है।
यह पहली बार नहीं है जब इस स्थान पर भेड़-बकरियों की जान गई है। एक सप्ताह पहले ही अभी 57 भेड़-बकरियां अकाल मृत्यु का ग्रास बन चुकी हैं। यह स्थान भेड़ पालकों के लिए इसलिए खतरनाक बन चुका है कि यहां पर रास्ते में उतराई है और कुछ दूरी पर एक गड्ढा है। नियंत्रण खोने व भगदड़ होने पर कुछ भेड़ें इस गड्ढे में गिर जाती हैं, जिससे दम घुटने के बाद उनकी जान चली जाती है।
लोक निर्माण विभाग की ओर से कुछ समय से यहां पर कलवट का निर्माण भी किया जा रहा है, जिससे अब यह रास्ता भेड़-बकरियों के लिए और भी खतरनाक बन चुका है। बीते सप्ताह पहले जब यहां पर भेड़-बकरियों के साथ हादसा हुआ था, तो स्थानीय प्रशासन की ओर से यहां पर कोई संकेत बोर्ड भी नहीं लगाया गया। वहीं भेड़ पालकों के पास इस रास्ते के अलावा कोई अन्य रास्ता भी मैदानी क्षेत्रों की ओर जाने के लिए नहीं है।
वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी रोहड़ू ने बताया कि पशु पालन विभाग की टीम सूचना मिलते ही मौके पर रवाना हुई। जहां पर मृत मवेशियों का पोस्टमार्टम किया गया और मृत मवेशियों को दफनाया गया ताकि महामारी के खतरे को टाला जा सके। वहीं एसडीएम रोहड़ू सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि मंगलवार रात को हुए इस हादसे की सूचना मिलते ही सुबह के समय स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर रवाना हुई। मौके पर पहुंच कर पाया गया कि इस हादसे में 442 भेड़-बकरियों की मौत हुई है, जिसमें 21 भेड़ पालक प्रभावित हुए हैं। प्रभावितों में मौके पर पाए गए 10 लोगों को 1 लाख रुपए की फौरी राहत प्रदान की गई है। प्रशासन छानबीन में जुट गया है।
जिलाधीश शिमला आदित्य नेगी ने बताया कि जुब्बल की उपतहसील सरस्वती नगर के भड़ोट गांव के समीप भेड़-बकरियों के नाले में गिरने से हुई मौत के प्रति भेड़-बकरी पालकों को तुरंत फौरी राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। जिलाधीश ने बताया कि जिला प्रशासन ने तुरन्त संज्ञान लेते हुए 10 प्रभावित भेड़-बकरी पालकों को लगभग एक लाख रुपए की राशि फौरी राहत के तौर पर प्रदान की गई है।
नायब तहसीलदार सरस्वती नगर ने जानकारी दी कि हरिंद्र सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह, जोगिंद्र सिंह पुत्र रत्न सिंह, राजपाल पुत्र प्रेमचंद, उस्ताद पुत्र सरणदास, नंदलाल पुत्र गिना सिंह, कमाल चंद पुत्र पिताम्बर, मणतेश पुत्र नेपाल सिंह, चमन पुत्र केलु राम, विनोद कुमार पुत्र हीरा सिंह तथा जगदीश पुत्र चंद्र सिंह को फौरी राहत दी गई है। जिलाधीश ने अधिकारियों को इस संबंध में संपूर्ण जानकारी का ब्यौरा जुटाकर नुक्सान के आकलन के उपरांत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि नियमानुसार प्रभावितों को और अधिक सहायता व राहत राशि दी जा सके।