हालांकि, प्रधान ने ऐसे शराबियों को सुधरने का एक मौका देते हुए तुंरत प्रभाव से तो बीपीएल से मुक्त नहीं किया है, लेकिन उन्हें दस दिन का अल्टीमेटम देकर इनसे शराब छोड़ने का शपथ पत्र मांगा है। जो व्यक्ति शराब न पीने का शपथ पत्र देगा, उसे ही बीपीएल सूची में रखा जाएगा।
प्रधान ने ग्रामीणों से भी जानकारी जुटाई है कि बीपीएल में शामिल किस-किस परिवार का व्यक्ति शराब पीता है। इसके अलावा निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वालों के नाम भी बीपीएल में नहीं डलेंगे। ग्रामसभा में चार परिवारों के नाम बीपीएल से हटाए गए हैं। पंचायत प्रधान करतार चौहान ने कहा कि कई गरीब घरों के लोग दिनभर दिहाड़ी लगाकर शाम को शराब पीते हैं।
पंचायत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इसके चलते यह निर्णय लिया गया है कि जो शराब पीता है या हुड़दंग मचाता है, उसे बीपीएल से बाहर किया जाएगा। अगर दस दिन के भीतर ऐसे परिवार शपथ पत्र देंगे तो उन्हें सूची में रखा जाएगा। ग्रामीणों से जानकारी जुटाकर ऐसे परिवारों को सूचना दे दी गई है। ग्रामसभा में 300 से अधिक ग्रामीण मौजूद रहे।