वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती( Satpal Singh Satti) की मौजूदगी में हुई शपथ ग्रहण के बाद आनन-फानन में मनोनीत पार्षदों को दोबारा से शपथ ग्रहण करवाई गई लेकिन एसडीएम साहिबा ने शपथ में फिर से वो ही गलती दोहरा दी। केवल मात्र मनोनीत की जगह निर्वाचित शब्द आने से हुए झौल के कारण समारोह के रंग में भंग पड़ गया। गौरतलब है कि नगर परिषद ऊना में डॉक्टर सुभाष शर्मा, खामोश जैतक, कैप्टन चरणदास और बलविंदर सिंह को प्रदेश सरकार द्वारा पार्षद मनोनीत किया है। नगर परिषद उना के मनोनीत पार्षदों की शपथ ग्रहण में उस वक्त रंग में भंग पड़ गया जब केवल मात्र मनोनीत की जगह निर्वाचित शब्द का प्रयोग शपथ ग्रहण समारोह में हो गया।
दरअसल मनोनीत पार्षदों को दिलाई जा रही शपथ के वक्त उपमंडल अधिकारी ऊना डॉक्टर निधि पटेल शपथ ग्रहण करवाते समय मनोनीत की जगह निर्वाचित शब्द का प्रयोग कर गई। समारोह में ही मौजूद पूर्व पार्षद नवदीप कश्यप ने अधिकारियों का ध्यान इस गलती पर खींचा। वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती की मौजूदगी में हुई शपथ ग्रहण को एक बार फिर से आयोजित करना पड़ा। लेकिन गलती बताने के बाद दूसरी बार फिर से वो ही गलती करते हुए एसडीएम (SDM) ने सभी मनोनीत पार्षदों को दोबारा से शपथ ग्रहण करवा दी। गौरतलब है कि नगर परिषद उना में डॉक्टर सुभाष शर्मा, खामोश जैतक, कैप्टन चरणदास और बलविंदर सिंह को प्रदेश सरकार द्वारा पार्षद मनोनीत किया गया है।
समारोह के दौरान नगर परिषद की अध्यक्ष पुष्पा देवी और सभी नगर पार्षदों समेत नगर के प्रबुद्ध जन भी मौजूद रहे। एसडीएम डॉ निधि पटेल ने कहा कि लिपिकीय गलती के चलते मनोनीत की जगह निर्वाचित शब्द का प्रयोग हुआ था। गलती का सुधार करते हुए सभी पार्षदों को मनोनीत शब्द के साथ दोबारा से शपथ दिलाई गई है। वहीं इस गलती को पकड़ने वाले पूर्व पार्षद नवदीप कश्यप (Navdeep Kashyap) ने कहा कि नगर परिषद और प्रशासन की गलती से दो बार गलत शपथ दिलाई गई है। यह संविधान के नियमों की अवहेलना की गई है। हाउस की बैठक में यह सदस्य दोबारा ठीक शपथ लेने के बाद ही हिस्सा ले सकते है।