शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी उनकी दुकान पर आया और अपने आप को एक कंपनी का एजैंट बताया। उसने कहा कि इस कंपनी में यदि आप लोग 2 लाख रुपए निवेश(Investment) करते हैं तो आपको 13 माह के उपरांत 4 लाख रुपए मिलेंगे। आरोपी ने कहा कि आपके द्वारा जमा करवाई जाने वाली धनराशि एकदम सुरक्षित रहेगी। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके पिता ने आरोपी को 2 लाख रुपए निवेश करने के लिए दे दिए।
12 अप्रैल, 2021 को वह व्यक्ति दोबारा उससे मिला तथा शिकायतकर्ता को कहने लगा कि आप भी इस कंपनी में निवेश करो। शिकायतकत्र्ता आरोपी के झांसे में आ गया। आरोपी ने उसे एक व्यक्ति का बैंक खाता दिया और कहा कि इस खाते में यह धनराशि जमा करवा दो। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसने उस दिए हुए खाते में आरटीजीएस (RTGS) के माध्यम से 2 लाख रुपए जमा करवा दिए। कुछ समय के उपरांत शिकायतकर्ता तथा उसके पिता ने उक्त पुलिस कर्मी को कहा कि उनकी जमा की गई धनराशि का कोई भी दस्तावेज उन्हें आज तक नहीं दिया गया। इस पर आरोपी नए-नए बहाने बनाता रहा।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि कुछ समय के उपरांत आरोपी व्यक्ति कहने लगा कि वह पुलिस विभाग में कार्यरत है, जो करना है कर लो। उसके उपरांत शिकायतकर्ता को 3 और लोग मिले। उन्होंने बताया कि इस व्यक्ति के माध्यम से उन्होंने भी 2-2 लाख रुपए निवेश किए हैं। डीएसपी(DSP) घुमारवीं अनिल ठाकुर ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन जारी है।