यह जानकारी राज्य गुप्तचर विभाग के पुलिस (Police) महानिरीक्षक अपराध अतुल फुलझेले ने दी। उन्होंने कहा कि संदेश और लिंक्स से भेजे गए प्रलोभन केवल साइबर अपराधियों की ओर से ठगी के उद्देश्य से भेजना पाया गया है। किसी भी साइबर अपराध की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाना व राज्य साइबर अपराध थाना शिमला में दें। कहा कि ऐसे किसी फर्जी लिंक(Fake Link) या वेबसाइट(Website) पर निजी जानकारी (Personal Information)साझा न करें। इस संदेश के साथ दिए लिंक में इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता को निजी ब्योरा भरने के लिए कहा जा रहा है।
अतुल फुलझेले ने बताया कि ई-मेल, सोशल मीडिया या एसएमएस से प्राप्त संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें। भले ही किसी विश्वसनीय व्यक्ति की ओर से भेजा गया हो, हमेशा अपने ब्राउजर में लिंक टाइप करें। अपने सामान्य ज्ञान का प्रयोग करें। क्या कोई वेबसाइट आपको अजीब लगती है? क्या यह संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी मांग रहा है? यदि यह असुरक्षित लगता है तो जोखिम न लें। क्या वेबसाइट(Website) संपर्क जानकारी या वास्तविक दुनिया की उपस्थिति के कुछ संकेतों को सूचीबद्ध करती है। यदि संदेह है तो उनकी वैधता स्थापित करने के लिए फोन या ई-मेल से उनसे संपर्क करें। यूआरएल (URL) को ध्यान से पढ़ें। यदि यह एक ऐसी वेबसाइट है, जिसका आप अक्सर उपयोग करते हैं तो क्या यूआरएल(URL) की वर्तनी सही है?