धर्मशाला : मलबे में फंसी बच्ची ने टीचर को किया फोन , एक कॉल ने बचाई परिवार की जान , पढ़ें पूरी खबर

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धर्मशाला: एक बच्ची मलबे में दबी थी उसे मौत सामने दिख रही थी, लेकिन उसकी जान एक फोन कॉल ने बचा ली। जी हां, ये घटना घटी है रुपेहड़ की है।

हिमाचल में मानसून की बारिश ने खूब कहर बरपाया। ये बारिश कई जिदंगियों को लील गई। कई सड़कों पर आए सैलाब में बह गए तो कई जिंदगियां मलबे में दब गईं। आलम ये है कि कांगड़ा में अभी भी बही और दबी जिंदगियों की तलाश जारी है। शाहपुर के बोह के रुपेहड़ गांव से अब तक पांच लाशें बरामद की जा चुकी है। इनमें से चार मंगलवार को मिली हैं, और मलबे से निकालकर पांच लोगों को बचाया गया है। इनमें सात और आठ साल की दो बच्चियां भी हैं।  
आठ साल की वंशिका को सोमवार देर रात को ग्रामीणों ने रेस्क्यू किया है। बच्ची को एक फोन कॉल ने बचा लिया। वरना उसकी भी जान जा सकती थी। जानकारी के अनुसार आठ साल की वंशिका तीसरी क्लास में पढ़ती है। वह मलबा आने के बाद अपने परिवार के साथ मकान के अंदर फंस गई थी। इस दौरान जब उसे कुछ नहीं सूझा तो उसने अपने स्कूल के टीचर सुरिंदर को फोन कर जानकारी दी कि, वह मकान के अंदर फंस गई है। वैसे तो वंशिका का परिवार मूल रूप से जिला चंबा के सिहुंता से हैं, लेकिन वंशिका के पिता लेंको हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं, इसलिए वह यहां किराये के मकान में रहते हैं। सोमवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे भूस्खलन हुआ और इसकी चपेट में 15 लोग आ गए थे। मलबे में आठ वर्षीय वंशिका, उसके पिता, मां और डेढ़ साल का भाई भी दब गया था। मासूम का चेहरा मकान की दीवार की ओर था और इस कारण वह होश में थी. उस समय उसके हाथ में मोबाइल फोन था। बच्ची ने मोबाइल से अपने अध्यापक सुरेंद्र कुमार को फोन किया था।  

वंशिका के टीचर सुरिंदर ने बताया कि वह गांव के ही स्कूल में जेबीटी टीचर हैं। घटना वाले दिन सोमवार सुबह से लगातार बारिश हो रही थी। ऐसा लगा जैसे बादल फट गया हो। उन्होंने बताया कि उनकी एक छात्रा वंशिका का उन्हें जान बचाने को लेकर फोन आया। जिसके बाद उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद ली और बच्ची को उस मलबे से बाहर निकाला। बच्ची के अलावा, इस दौरान ग्रामीणों ने चार अन्य लोगों को भी बाहर निकालने में सफलता हासिल की।

मलबे से निकालने के बाद सबको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्ची के पिता सिविल अस्पताल शाहपुर में भर्ती हैं। इसके बाद बच्ची को सिविल अस्पताल शाहपुर अस्पताल लाया गया, लेकिन प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज और अस्पताल टांडा रेफर कर दिया। बाद में बच्ची को PGI चंडीगढ़ रेफर कर दिया है, और वहां उसकी हालत गंभीर है। बच्ची की मां और भाई भी अस्पताल में उपचाराधीन हैं।  

12 जुलाई को कांगड़ा जिले में आए इस जलजले में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें पांच लोग अब भी लापता हैं। मृतकों में 11 साल की बच्ची नेहा के अलावा, पंजाबी गायक मनजीत सिंह भी शामिल हैं, मनजीत करेरी लेक के पास नाले में बह गए थे। वहीं, बोह इलाके के मलबे में अब बी एनडीआरफ की टीमें जिंदगी की तलाश कर रही हैं।

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