13 जुलाई को बस के ड्राइवर ने कतई भी नहीं सोचा था कि ड्राइविंग के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल करते वक्त सामने से आरटीओ मैडम आ जाएगी, जो खुद ही इसकी गवाह बनेंगी। जानकारी के मुताबिक पिछली आरटीए को भंग किया जा चुका है। जल्द ही नए क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के गठन के बाद इस मामले पर भी जुर्माने का निर्णय होगा। अगर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के स्तर पर जुर्माना किया जाता तो ये राशि तीन हजार से नीचे होती। वहीं आरटीए द्वारा भारी जुर्माने के साथ-साथ बस का रूट परमिट तक कैंसल किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि बस की चैकिंग के दौरान आरटीओ सोना चौहान का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वो यात्रियों से ऐसे मामलों की शिकायत करने का आग्रह कर रही थी। एक यात्री आरटीओ के साथ उलझने की कोशिश भी कर रहा था। सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुए वीडियो में 99 फीसदी यूजर्स ने आरटीओ की क्लास को सही ठहराया था। उल्लेखनीय है कि कुछ अरसा पहले ही टिम्बी-बकरास मार्ग पर एक वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर 11 व्यक्तियों की मौत हुई थी। इसमें से 10 नौजवान थे।
बताते हैं कि आरटीओ को लगातार इस बात की भी शिकायत मिल रही थी कि अपर शिमला में सेब सीजन के चलते कई निजी बसों द्वारा नेपाली मूल के लोगों को बगैर रूट परमिट के शिमला की तरफ ले जाया जा रहा है। इसी सिलसिले में वो उस दिन सराहां की तरफ गई थी। उल्लेखनीय है कि बाद में महादेव कोच की एक बस को भी पकड़ा था, जिसमें 70 के करीब नेपाली सफर कर रहे थे। बस का रूट परमिट नहीं था। यहां तक की सवारियों को बस के फर्श पर भी बिठाया गया था। इस मामले में भी चालक का तीन महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड करने की सिफारिश की गई है।
परिवहन अधिकारी सोना चौहान ने कहा कि मीनू कोच के ड्राइवर का तीन महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड करने की सिफारिश की गई है। दूसरे मामले में भी चालक का लाइसेंस सस्पेंड करने की सिफारिश कर दी गई है। आरटीओ ने कहा कि मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर जुर्माने की राशि क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रियों को भी अपने अधिकारों व सुरक्षित सफर के लिए सचेत रहना चाहिए।