धरने को संबोधित करते हुए पूर्व जिप सदस्य बसंत राम संधू, इंटक के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अधिवक्ता भगत सिंह वर्मा व आशीष ठाकुर सहित सभी वक्ताओं ने कहा कि बिलासपुर जिला में फाेरलेन, एम्स तथा रेलवे जैसे बड़े प्रोजैक्टों में रोजगार के नाम पर स्थानीय लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। स्थानीय लोगों को दरकिनार करके बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गाडिय़ां व मशीनरी भी बाहरी लोगों की लगाई जा रही है। इसके चलते बिलासपुर के युवाओं को रोजगार के लिए बद्दी, नालागढ़, चंडीगढ़, दिल्ली व गुरुग्राम पलायन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग केवल धूल व ध्वनि प्रदूषण की मार सहने और अन्य समस्याएं झेलने के लिए नहीं हैं। उन्हें उनका हक मिलना चाहिए।
धरना-प्रदर्शन के दौरान गावर कंपनी से मिले निमंत्रण के आधार पर आशीष ठाकुर के साथ ही पूर्व जिप सदस्य बसंतराम संधू व इंटक के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अधिवक्ता भगत सिंह वर्मा समेत कुछ अन्य लोग वार्ता के लिए भीतर गए थे लेकिन बातचीत बेनतीजा रहने की वजह से वे बाहर आकर दोबारा धरने पर बैठ गए। शाम करीब साढ़े 4 बजे एसडीएम बिलासपुर की ओर से उन्हें 26 जुलाई को वार्ता का न्यौता मिला तब कहीं जाकर युवा वहां से उठे। युवाओं द्वारा पूर्व में दिए गए अल्टीमेटम के आधार पर वहां काफी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था।