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बिलासपुर, 03 दिसंबर। सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने एचआरटीसी की बिलासपुर–जाहू वाया कुठेड़ा, तल्याणा बस सेवा बहाल करने में हो रही देरी को लेकर प्रदेश सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि करीब 15 पंचायतों के स्कूल, कॉलेज और आईटीआई विद्यार्थियों की सुविधा के लिए शुरू की गई यह बस सेवा जुलाई महीने से बंद पड़ी है, जबकि यह बस हमेशा हाउसफुल रहती थी। इसके बावजूद सवारियां कम होने का तर्क देकर इसे बंद करना सरकार की तर्कहीन नीति को दर्शाता है।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए जमवाल ने कहा कि इस बस की टाइमिंग विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखकर तय की गई थी, लेकिन भीड़ इतनी रहती थी कि कई बच्चों को सीट तक नहीं मिलती थी। बस सेवा बंद किए जाने के विरोध में लगभग सौ से अधिक विद्यार्थियों ने बिलासपुर में डीसी कार्यालय के बाहर नारेबाजी की थी और चक्का जाम भी किया था।
उन्होंने शिक्षा मंत्री द्वारा सदन में दिए गए इस बयान पर भी सवाल उठाए कि सर्वे के अनुसार बस में केवल 20–25 छात्र यात्रा कर रहे थे। जमवाल ने पूछा कि यह सर्वे किसने किया और आंकड़ा कहां से आया, इसका खुलासा सरकार को करना चाहिए।
जमवाल ने कहा कि स्कूली बच्चों को रियायती बस पास की सुविधा सिर्फ एचआरटीसी में ही मिलती है। सरकार यह तर्क दे रही है कि इस रूट पर निजी बस सेवा चला दी गई है, लेकिन निजी बसों में पास सुविधा नहीं मिलती। ऐसे में क्या सरकार आय कम होने का हवाला देकर पूरे प्रदेश में विद्यार्थियों वाली बस सेवाएं बंद करने जा रही है?
उन्होंने कहा कि यह स्थिति प्रदेश सरकार की वेलफेयर नीति पर गंभीर सवाल उठाती है। सरकार तर्क-वितर्क से बचने के बजाय तुरंत प्रभाव से इस बस सेवा को बहाल करे। इस पर शिक्षा मंत्री ने सदन में आश्वासन दिया कि यदि संख्या अधिक पाई गई तो बस सेवा को दोबारा शुरू करने पर पुनर्विचार किया जाएगा।
