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शिमला, 31 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के चौपाल क्षेत्र के घूंठाड़ी गांव की होनहार बेटी आंचल कुमारी ने हिमाचल प्रशासनिक सेवा (HPAS) परीक्षा 2025 में दूसरा स्थान हासिल कर पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस बड़ी उपलब्धि के साथ आंचल अब डीएसपी के पद पर सेवाएं देंगी। महज़ 26 वर्ष की उम्र में आंचल ने यह मुकाम हासिल किया है।
आंचल की सफलता इसलिए भी बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इसी वर्ष 2025 में उन्होंने अलाइड सर्विसेज परीक्षा उत्तीर्ण कर आबकारी निरीक्षक (Excise Inspector) का पद हासिल किया था। वर्तमान में वे परवाणू में प्रशिक्षण ले रही थीं और उनकी ट्रेनिंग अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि उन्होंने HAS परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया। प्रशिक्षण और पढ़ाई को एक साथ संतुलित करना अपने आप में बड़ी चुनौती होती है, लेकिन आंचल ने इसे संभव कर दिखाया।
आंचल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से ही प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने डॉ. वाई.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी से बीएससी फॉरेस्ट्री की पढ़ाई पूरी की। सीमित संसाधनों और पहाड़ी क्षेत्र की चुनौतियों के बावजूद आंचल ने कभी परिस्थितियों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने घर पर रहकर स्व-अध्ययन (Self Study) को ही अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाया।
खास बात यह है कि आंचल के पिता रण सिंह एक साधारण किसान हैं, जबकि माता पुष्पा गृहिणी हैं। उनके भाई राजस्व विभाग में पटवारी के पद पर कार्यरत हैं। सादगी, संस्कार और मेहनत से भरे इस परिवार ने आंचल को हर कदम पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
आंचल ने बताया कि पहले प्रयास में वे HAS की मुख्य परीक्षा तक नहीं पहुंच पाई थीं, लेकिन इस असफलता ने उन्हें छोड़ा नहीं, बल्कि और मजबूत बनाया।एलाइड सर्विसेज में चयन के बाद भी उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। जुलाई 2025 से प्रशिक्षण शुरू हो चुका था, इसके बावजूद उन्होंने रोज़ाना समय निकालकर अध्ययन जारी रखा। सितंबर 2025 में हिमाचल प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा आयोजित हुई। एक्साइज इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग पूरी होने से पहले ही उन्होंने DSP बनने का गौरव प्राप्त किया।
अपनी सफलता के मूल मंत्र के बारे में बात करते हुए आंचल ने कहा कि लगातार मेहनत और कभी हार न मानने की सोच ही उनकी सफलता का राज है। सोशल मीडिया को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि आज के समय में अक्सर यह माना जाता है कि बड़ी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से पूरी दूरी बनानी चाहिए, लेकिन उनके अनुसार सोशल मीडिया का संतुलित उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती थीं, लेकिन पढ़ाई के समय पूरा ध्यान केवल अध्ययन पर ही रहता था। आंचल का मानना है कि हर अभ्यर्थी की अपनी रणनीति होती है और दूसरों से तुलना करने के बजाय अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहना जरूरी है।
साक्षात्कार के दौरान आंचल से आईजीएमसी शिमला में डॉक्टर और मरीज के बीच हुए विवाद को लेकर भी सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने बेहद संतुलित और परिपक्व राय रखी। आंचल ने कहा कि डॉक्टर का मरीज के साथ ऐसा व्यवहार करना सही नहीं था, क्योंकि इससे मरीजों का डॉक्टरों पर भरोसा कमजोर होता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को किसी भी मामले में जल्दबाजी में बर्खास्तगी का फैसला लेने के बजाय, पहले निलंबन और निष्पक्ष जांच के बाद अंतिम निर्णय लेना चाहिए था।
बेटी की इस ऐतिहासिक सफलता से घूंठाड़ी गांव ही नहीं, बल्कि पूरे चौपाल क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने आंचल को बधाइयां देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
