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सैंज मर्डर व दुराचार मामला: पुलिस जांच पर सवाल, तत्कालीन SHO निलंबित, SP–DSP की विभागीय जांच की सिफारिश

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कुल्लू, 24 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने सैंज क्षेत्र में अनुसूचित जाति की महिला से जुड़े मर्डर व दुराचार मामले की सुनवाई बहुउद्देश्यीय भवन, सैंज में की। सुनवाई की अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने की। इस अवसर पर आयोग के सदस्य (अधिवक्ता) दिग्विजय मल्होत्रा तथा सदस्य सचिव विनय मोदी भी उपस्थित रहे।

सुनवाई के दौरान आयोग ने पीड़ित परिवार से विस्तार से बातचीत करते हुए मामले के सभी पहलुओं की गहन समीक्षा की। आयोग की प्रारंभिक जांच में पुलिस जांच के दौरान गंभीर लापरवाही और तथ्यों को दबाने के संकेत सामने आए हैं। अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने कहा कि प्रारंभिक पुलिस जांच संदेह के घेरे में है। इसी आधार पर संबंधित थाने के तत्कालीन SHO को निलंबित कर दिया गया है, जबकि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (SP) और उप पुलिस अधीक्षक (DSP) की विभागीय जांच की सिफारिश की जाएगी।

अध्यक्ष ने कहा कि अनुसूचित जाति आयोग का गठन समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया है और आयोग पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश सरकार इस प्रकार की घटनाओं को लेकर गंभीर हैं और अनुसूचित जातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के प्रति व्याप्त कुरीतियों के उन्मूलन के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। दोषी चाहे किसी भी पद पर हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

कुलदीप धीमान ने इस घटना को अत्यंत दुखद और शर्मनाक बताते हुए कहा कि पुलिस ने केस तैयार करने, साक्ष्य एकत्र करने और जांच प्रक्रिया में गंभीर कोताही बरती। समय पर सही धाराएं न लगाने के कारण पोस्टमार्टम प्रक्रिया भी अपेक्षित मानकों के अनुरूप नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि स्थानीय दबाव के बाद गठित एसआईटी ने जांच को सही दिशा दी, जिसके परिणामस्वरूप चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

आयोग ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों, पीड़ित परिवार, पंचायत प्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों तथा एसआईटी टीम से अलग-अलग पूछताछ कर संपूर्ण जानकारी प्राप्त की। आयोग ने संबंधित विभाग को निर्देश दिए कि सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण कर पीड़ित परिवार को निर्धारित सहायता राशि तत्काल जारी की जाए।

सुनवाई के दौरान उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस. रवीश, पुलिस अधीक्षक मदन लाल, पीड़िता के परिजन, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि तथा स्थानीय महिला मंडल के सदस्य भी उपस्थित रहे।

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