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नई दिल्ली, 27 दिसंबर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मनरेगा में किए जा रहे बदलावों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि सरकार के इस फैसले से देश के गरीबों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला पूरी तरह से ‘वन मैन शो’ है और इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से थोपा गया है। इसके विरोध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 5 जनवरी से देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है।
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि जीने का अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनरेगा का पैसा अब राज्यों से छीनकर केंद्र अपने पास ले जा रहा है। राहुल गांधी के मुताबिक, इस फैसले से गांवों की आर्थिक स्थिति चरमरा जाएगी। उन्होंने दावा किया कि इस बड़े बदलाव से पहले न तो कैबिनेट में चर्चा हुई और न ही राज्यों से कोई सलाह ली गई। यह तानाशाही रवैया देश के संघीय ढांचे पर चोट है।
वायनाड सांसद राहुल गांधी ने आशंका जताई कि गांवों से छीना गया पैसा अंततः बड़े उद्योगपतियों तक पहुंचेगा। इससे देश में अमीरी और गरीबी की खाई और चौड़ी होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जो चाहते हैं, वही फैसला ले लिया जाता है। राहुल गांधी ने साफ किया कि सरकार का यह फैसला जमीन पर फेल हो जाएगा, लेकिन इसका खामियाजा निर्दोष गरीब जनता को भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस ने मनरेगा और ग्रामीण मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से संसद तक लड़ने का संकल्प लिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी के समर्थन में 5 जनवरी से मनरेगा बचाने की शपथ लेने की घोषणा की है। खड़गे ने कहा कि यह लड़ाई केवल एक योजना बचाने की नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र बचाने की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने की साजिश रच रही है। कांग्रेस पार्टी ग्रामीण मजदूरों के रोजगार और सम्मान के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेगी। पार्टी का कहना है कि वह सरकार को गरीब विरोधी नीतियां लागू नहीं करने देगी।
