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शिमला, 25 दिसंबर। आईजीएमसी शिमला में मरीज से मारपीट पर आरोपी डॉक्टर को बर्खास्त करने के बाद यह मामला गरमाया गया है। गुस्साए चिकित्सक संगठनों ने वीरवार को बैठकें कर शुक्रवार को एक दिन का सामूहिक अवकाश करने का निर्णय लिया है। मांगें न मानने पर शनिवार से हड़ताल पर जाने का एलान किया है। अपनी मांगों को लेकर शनिवार को सुबह रेजिडेंट डॉक्टर मुख्यमंत्री सुक्खू से मिलेंगे। उन्होंने मांगें न मानने पर अपने इस निर्णय पर अडिग रहने की घोषणा की। सामूहिक अवकाश के चलते अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।
वीरवार को आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए), कॉलेज एससीए और स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स आईजीएमसी एंड जीडीसी के पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। आईजीएमसी, कमला नेहरू अस्पताल, डीडीयू समेत प्रदेश के अस्पतालों में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, सीनियर रेजिडेंट और इंटर्न आपातकालीन विभाग को छोड़कर सभी नियमित सेवाओं, वैकल्पिक ऑपरेशन थियेटर और आउट पेशेंट विभाग में सेवाएं नहीं देंगे। आरडीए अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा, उपाध्यक्ष मधुप अरोड़ा, महासचिव डॉ. आदर्श शर्मा ने कहा कि चिकित्सक डॉ. राघव की बर्खास्तगी के आदेश रद्द करने, कथित तौर पर एक व्यक्ति की ओर से आरोपी डॉ. राघव को जान से मारने की धमकी देने पर एफआईआर दर्ज करने समेत डॉक्टरों को सरकार सुरक्षा प्रदान करे।
चमियाना अस्पताल की फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ. संजीव असोत्रा और महासचिव डाॅ. यशवंत सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार का सिर्फ चिकित्सक पर कार्रवाई करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। एकतरफा कार्रवाई के फैसले पर पुनर्विचार करे।
हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के राज्य अध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा और महाससिव डाॅ. विकास ठाकुर ने कहा कि आरडीए आईजीएमसी का संघ पूरा साथ देगा और शुक्रवार को सामूहिक अवकाश किया जाएगा। आगे की रणनीति डॉक्टर्स एसोसिएशन की मांगों को नहीं मानने की स्थिति में बाद में बनाई जाएगी। 27 दिसंबर को सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही मरीज को उपलब्ध होंगी।
उधर, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा (डीएमई) डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि रेजीडेंट डॉक्टर के शुक्रवार को छुट्टी पर जाने की कोई अधिकारिक सूचना नहीं है। जानकारी मिली है कि डॉक्टर सीएम से मिल रहे हैं।
