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शिमला, 31 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश में आए दिन बच्चियों, युवतियों और महिलाओं के साथ हो रहे दुराचार के मामले में सामने आ रहे हैं। ऐसे मामलों में इंसाफ पाने के लिए ज्यादातर पीड़िताओं को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है। इसी कड़ी में हिमाचल के शिमला जिला में अदालत ने लगभग 6 साल की सुनवाई के बाद नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
दुष्कर्म का ये मामला 26 दिसंबर, 2019 को जिला शिमला के रामपुर से सामने आया था। नाबालिग लड़की के साथ एक ट्रक ड्राइवर ने दुष्कर्म किया था। उस समय पीड़िता की उम्र महज 15 साल थी।
जानकारी के अनुसार, आरोपी इरफान अली साल पेश से ट्रक ड्राइवर है। साल 2019 में सेब सीजन के दौरान वो किन्नौर आया था। इस दौरान उसकी मुलाकात 15 साल की लड़की के साथ हुई। 26 दिसंबर को आरोपी ने पीड़िता को मिलने के लिए बुलाया।
पीड़िता अपनी बहन और चचेरे भाई के साथ उससे मिलने चली गई। आरोपी ने उन्हें ट्रक में रुकने को कहा और फिर रात को उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद अगली सुबह उसने पीड़िता के भाई-बहन को करछम में उतार दिया। जबकि, पीड़िता को लेकर रामपुर की तरफ चला गया।
उधर, बच्चों की तलाश में दर-दर भटक रहे माता-पिता को पुलिस की मदद से भाबानगर के पास पीड़िता आरोपी को साथ मिली। फिर पीड़िता ने अपने माता-पिता को पूरी सच्चाई सुनाई। सच सुनते ही माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा मामले में चार्जशीट दायर की गई और मामला कोर्ट पहुंचा। जहां पर सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में 17 गवाहों को पेश करने, सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने इरफान अली उर्फ शाहरुख को दोषी पाया।
अब बीते कल रामपुर स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (पोक्सो कोर्ट) की अदालत ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले इरफान को कठोर सजा सुनाई है। कोर्ट ने पोक्सो एक्ट के तहत दोषी को 20 साल के साधारण कारावास के साथ 10 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने पीड़िता को 50 हजार रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। वहीं, जुर्माना ना देने पर सजा की वृद्धि का भी प्रावधान किया गया है।
