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कुल्लू, 24 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश में बढ़े हुए पानी के बिलों ने उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ा दी है। एक मामले में जल शक्ति विभाग ने उपभोक्ता को 1 लाख 78 हजार रुपये का भारी भरकम पानी का बिल थमा दिया, जिसे देखकर उसके होश उड़ गए। उपभोक्ता का कहना है कि, पहले कभी इतना बिल नहीं आया। साथ ही अन्य लोगों का आरोप है कि, सरकार के आश्वासन के बावजूद बढ़े टैरिफ पर बिल भेजे जा रहे हैं, जिससे जनता आर्थिक दबाव में है।
जानकारी के अनुसार, कुल्लू, मनाली और आसपास के क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को भारी-भरकम जल बिल थमाए जाने से आम जनता, होटल कारोबारी और छोटे व्यवसायी बुरी तरह परेशान हैं। सितंबर 2024 में कांग्रेस सरकार द्वारा पानी के टैरिफ में की गई वृद्धि के बाद यह समस्या और गंभीर हो गई है।
सरकारी फैसले के बाद जल शक्ति विभाग ने नए टैरिफ के तहत बिल जारी करने शुरू कर दिए, जिससे बीते करीब डेढ़ साल से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। कई लोगों को पहले से कहीं अधिक, तीन गुना तक ज्यादा बिल मिल रहे हैं। समय पर भुगतान न होने की स्थिति में विभाग जुर्माना भी लगा रहा है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सार्वजनिक रूप से यह आश्वासन दिया था कि बढ़े हुए पानी के बिलों से लोगों को राहत दी जाएगी और इन्हें माफ किया जाएगा। लेकिन इस घोषणा के तीन महीने बाद भी न तो जल शक्ति विभाग और न ही सरकार की ओर से कोई लिखित आदेश या अधिसूचना जारी की गई है। नतीजतन, उपभोक्ताओं को अब भी बढ़े हुए टैरिफ के आधार पर ही बिल भेजे जा रहे हैं।
पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता गोविंद सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार पानी और बिजली के दाम बढ़ाकर जनता से वसूली कर रही है। उन्होंने कहा कि मनाली के एक होटल को एक साल में करीब साढ़े सात लाख रुपये का पानी का बिल थमा दिया गया है, जबकि कुल्लू, मनाली, जोगिंदर नगर और सोलन जैसे क्षेत्रों में भी उपभोक्ताओं को असामान्य रूप से अधिक बिल मिले हैं।
वहीं, कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने भी माना कि स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इस विषय पर चर्चा की गई है और सरकार की मंशा लोगों को राहत देने की है, लेकिन फिलहाल विभागीय स्तर पर समाधान न निकल पाने से जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि जल्द कोई स्पष्ट और लिखित फैसला नहीं आया, तो आने वाले समय में पानी का बिल भरना आम लोगों के लिए मुश्किल हो जाएगा। जल शक्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे सरकार से किसी नई अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं। तब तक नए टैरिफ के अनुसार ही बिल जारी किए जा रहे हैं। इस असमंजस की स्थिति ने प्रदेशभर में सरकार के प्रति असंतोष को और बढ़ा दिया है।
