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शिमला, 28 दिसंबर। दिल्ली दौरे से लौटते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में चल रही रेज़िडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि डॉक्टरों की हड़ताल से आम जनता और मरीजों को परेशानी हो रही है, जिसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने रेज़िडेंट डॉक्टरों से अपील की है कि वे अपने मतभेद अलग रखकर हड़ताल समाप्त करें और तुरंत सेवाओं में लौटें। सीएम के इस बयान के बाद अब प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने की उम्मीद जगी है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि दिल्ली में रहते हुए भी वह लगातार प्रदेश के हालात पर नजर बनाए हुए थे। सीएम सुक्खू ने कहा कि बैठक में भी उन्होंने डॉक्टरों के प्रतिनिधियों को भरोसा दिया था कि सरकार उनकी सुरक्षा और सम्मान से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से सुलझाएगी। इसके बावजूद हड़ताल पर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम सुक्खू ने सभी रेजिडेंट डॉक्टरों से अपील की है कि वह सोमवार से अपनी ड्यूटी पर लौटें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसी एक पक्ष के साथ नहीं, बल्कि प्रदेश की 75 लाख जनता के हितों के साथ खड़ी है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि हड़ताल समाधान नहीं है और संवाद ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने जानकारी दी कि वे जल्द ही वरिष्ठ चिकित्सकों को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर पूरे मामले पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि बातचीत के जरिए सभी मुद्दों का हल निकाला जाएगा और रेज़िडेंट डॉक्टरों को भी सरकार पर भरोसा करना चाहिए।
गौरतलब है कि शिमला स्थित आईजीएमसी अस्पताल में हाल ही में मरीज और सीनियर रेज़िडेंट डॉक्टर राघव नुरूला के बीच मारपीट की घटना सामने आई थी। इस घटना के बाद अस्पताल परिसर में तनाव का माहौल बन गया और रेज़िडेंट डॉक्टरों ने सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों में लगातार बढ़ रही हिंसा से उनकी सुरक्षा खतरे में है, जबकि सरकार का पक्ष है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
रेज़िडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के चलते आईजीएमसी सहित प्रदेश के कई अस्पतालों में ओपीडी और नियमित सेवाएं प्रभावित रहींए जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। खासकर दूर.दराज से इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को काफी दिक्कतें हुईं।
दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट किया कि सरकार डॉक्टरों और मरीजों दोनों को परिवार की तरह मानती है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को अपने दायित्व को समझते हुए अहंकार त्यागकर सेवाओं में लौटना चाहिएए ताकि आम लोगों को राहत मिल सके। मुख्यमंत्री के इस सख्त लेकिन संतुलित रुख के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही रेज़िडेंट डॉक्टर हड़ताल समाप्त कर सकते हैं और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य हो जाएंगी।
बता दें कि हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में डॉक्टर और मरीज के बीच हुई मारपीट के बाद सरकार ने डॉक्टर केा बर्खास्त कर दिया है। जिसके विरोध में रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। आज हड़ताल का तीसरा दिन है। हालांकि हड़ताल के पहले दिन सीएम सुक्खू से हुई बैठक में सीएम ने मामले की दोबारा जांच का भरोसा दिया था, लेकिन फिर भी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है। जिससे अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से ठप हो गई हैं और मरीजों को भारी परेशानी हो रही है।
