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ऊना, 26 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश में आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं- जब कुछ लोग तैश में पुलिसवालों पर हाथ उठा देते हैं। ऐसा ही एक मामला ऊना जिले से सामने आया है। डूहल बंगवालां पंचायत के गांव में रास्ते और जमीन से जुड़े विवाद की सुनवाई उस समय हंगामे में बदल गई, जब एक युवती ने पंचायत प्रधान और मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी पर हाथ उठा दिया।
इस अप्रत्याशित घटना से मौके पर अफरातफरी मच गई और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ ग्रामीण भी स्तब्ध रह गए। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए युवती के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
जानकारी के अनुसार, डूहल बंगवालां पंचायत की महिला प्रधान प्रेम चंद शर्मा द्वारा दी गई शिकायत पर सुनवाई के लिए रेही गांव पहुंची थीं। शिकायत रास्ते और जमीन के पुराने विवाद से जुड़ी बताई जा रही है, जिसे लेकर गांव में लंबे समय से तनातनी बनी हुई थी।
स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए चिंतपूर्णी थाना पुलिस की टीम भी मौके पर मौजूद रही। पंचायत प्रधान और पुलिस दोनों ही पक्षों को बैठाकर मामले को शांतिपूर्वक सुलझाने का प्रयास कर रहे थे। दोनों ओर की बात सुनी जा रही थी और आपसी सहमति से समाधान निकालने की कोशिश चल रही थी।
इसी दौरान विवादित पक्ष की एक युवती की पंचायत प्रधान और पुलिस कर्मियों से तीखी बहस हो गई। आरोप है कि बहस बढ़ने के साथ युवती ने आपा खो दिया और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगी।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब गुस्से में आकर युवती ने मौके पर मौजूद ASI और पंचायत प्रधान को थप्पड़ मार दिए। घटना के बाद वहां मौजूद लोग हक्के-बक्के रह गए और कुछ देर के लिए स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गई। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर हालात संभाले और युवती को काबू में लिया।
पंचायत प्रधान और पुलिस की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि इस घटना से न केवल उनकी सार्वजनिक छवि को ठेस पहुंची है, बल्कि ड्यूटी निभा रहे पुलिस कर्मियों और जनप्रतिनिधियों के आत्मसम्मान पर भी गहरा आघात पहुंचा है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने युवती के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने बताया कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और तथ्यात्मक जांच की जा रही है। जांच के दौरान सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जाएंगे और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों या निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार स्वीकार नहीं किया जाएगा। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसी घटनाओं पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद रेही गांव में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत और पुलिस की मौजूदगी में भी यदि इस तरह की घटना हो, तो यह कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है। वहीं, कुछ लोग विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
