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शिमला, 09 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने विधायक संजय अवस्थी से जुड़े मामले में अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को भ्रष्टाचार और जालसाजी के केस में ताजा स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। यह समाचार विधायक के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला है। सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह विधायक के खिलाफ दर्ज केस को वापस नहीं लेगी। संजय अवस्थी ने सोलन कोर्ट के आरोप तय करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
सरकार ने नहीं ली केस वापसी की इजाजत
इस समाचार में नया मोड़ तब आया जब सरकार ने अपना रुख साफ किया। सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि आपराधिक मामला वापस लेने का उसका कोई विचार नहीं है। इससे पहले 26 जुलाई 2024 को सुनवाई के दौरान एक अलग दावा किया गया था। तब याचिकाकर्ता ने कहा था कि सरकार केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। सरकार ने उस वक्त पुष्टि के लिए समय भी मांगा था। सरकार ने केस वापसी की अर्जी लगाई थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया। अब न्यायाधीश विरेंदर सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए रिपोर्ट तलब की है।
फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने का है आरोप
विधायक पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। यह समाचार एक पुराने मामले से जुड़ा है जब अवस्थी नगर परिषद सोलन के पार्षद थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने हरियाणा निवासी क्रिकेटर विक्रमजीत सिंह मलिक को झूठा हिमाचली प्रमाणपत्र दिया। विक्रमजीत पानीपत के गांव सींख का रहने वाला था। इस प्रमाणपत्र के आधार पर विक्रमजीत ने तहसीलदार से हिमाचल का स्थायी निवासी होने का दस्तावेज बनवाया। वह हिमाचल की तरफ से क्रिकेट खेलने के लिए पात्र नहीं था।
कोर्ट ने दस्तावेजों को माना गलत
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया 14 मई 2001 को जारी किए गए प्रमाणपत्र को गलत पाया है। यह मामला अभी विशेष न्यायाधीश सोलन की अदालत में भी चल रहा है। 21 अप्रैल 2022 को सोलन कोर्ट ने अवस्थी के खिलाफ आरोप तय किए थे। कोर्ट ने माना था कि उनके खिलाफ धारा 467, 468 और 120बी के तहत केस बनता है। चूंकि वह उस समय पार्षद थे, इसलिए उन पर लोक सेवक होने के नाते भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं भी लगाई गई हैं। इस समाचार पर सबकी नजरें टिकी हैं।
