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बिलासपुर, 02 दिसंबर। बिलासपुर में कांग्रेस पार्टी की आयोजित बैठक उस समय हंगामे में बदल गई जब पूर्व विधायक बंबर ठाकुर के संबोधन पर पूर्व युथ कांग्रेस अध्यक्ष आशीष ठाकुर भड़क उठे। “संगठन सृजन अभियान” के तहत जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठनात्मक मजबूती को लेकर यह बैठक इंदिरा भवन में बुलाई गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश की पूर्व विधायक और कांग्रेस आब्जर्वर हीना लिखीराम कावरे विशेष रूप से मौजूद थीं।
कैसे बढ़ा विवाद?
बैठक के दौरान पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा कि वह “अंदरूनी भीतरघात” के कारण चुनाव हारे और कुछ लोगों ने चुनाव के समय पूरी तरह काम नहीं किया। यह टिप्पणी सुनते ही पूर्व युथ कांग्रेस अध्यक्ष आशीष ठाकुर भड़क गए और आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि हर बार आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन कोई सीधे सामने आकर बात नहीं करता। स्थिति तनावपूर्ण हो गई और आशीष ठाकुर नाराज़ होकर बैठक से बाहर चले गए। हालांकि पूर्व प्रदेश महासचिव विकास ठाकुर ने बीच-बचाव कर माहौल शांत करने की कोशिश की।
बंबर ठाकुर का आरोप
बंबर ठाकुर ने बैठक में कहा कि जो लोग “जेपी नड्डा के साथ तनख्वाही तौर पर जुड़े हुए हैं”, उन्हें पार्टी से बाहर किया जाना चाहिए।
राम लाल ठाकुर के आरोप भी सामने आए
पूर्व मंत्री और नैना देवी से पूर्व विधायक राम लाल ठाकुर ने भी बैठक में अपने चुनाव हारने को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वह केवल 182 वोटों से हारे, लेकिन रात 8 बजे 1409 वोट लेट आए जिन्हें बाद में रिजेक्ट कर दिया गया। उन्होंने उस समय के प्रीजाइडिंग अफसर पर पक्षपात करने और एक केंद्रीय मंत्री के करीबी होने का आरोप लगाया।
कार्यक्रम का उद्देश्य गुटबाजी में दबा
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के “संगठन सृजन अभियान” के तहत यह बैठक संगठन को मजबूत करने के लिए आयोजित की गई थी। आब्जर्वर हीना लिखीराम कावरे, चंपा ठाकुर और पूर्व मंत्री राम लाल की मौजूदगी में कार्यक्रम शुरू तो हुआ, लेकिन गुटबाजी और आरोप-प्रत्यारोप ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।
