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हिमाचल : चिट्टा तस्करी में संलिप्त कर्मचारी बर्खास्त, नशे से अर्जित संपत्तियों की रिपोर्ट भेजने के निर्देश

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कांगड़ा, 02 दिसंबर। धर्मशाला में नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनकोर्ड) की छठी राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में चिट्टा और अन्य मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान को और आक्रामक बनाने के निर्देश दिए। 

बैठक में राज्य सरकार के अधिकारियों के अलावा एनसीबी, ईडी, डीआरआई, डाक विभाग और आरपीएफ जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की 234 अत्याधिक संवेदनशील पंचायतों में सीआईडी और पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई है तथा उपायुक्तों को इन पंचायतों में नशा निवारण समितियां गठित करने और हर जिले में नियमित एनकोर्ड बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने सभी जिला प्रशासन को नशे से अर्जित संपत्तियों की पहचान कर 10 दिसंबर तक रिपोर्ट भेजने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ऐसी अवैध संपत्तियों को ध्वस्त करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि चिट्टा तस्करी में 60 सरकारी कर्मचारी संलिप्त पाए गए हैं, जिनमें 15 पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। इनमें से 5 को बर्खास्त किया जा चुका है और शेष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है। इन कर्मचारियों का पूरा विवरण भी 10 दिसंबर तक भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एंटी-चिट्टा वॉकथॉन अब जिला और सब-डिवीजन स्तर पर आयोजित की जाएंगी ताकि नशा विरोधी जनजागरण को और व्यापक रूप दिया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल सख्त कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है बल्कि नशा पीड़ितों की काउंसलिंग, उपचार और पुनर्वास तंत्र को भी मजबूत कर रही है। प्रदेश में सभी सरकारी भर्तियों में ड्रग टेस्ट अनिवार्य कर दिए गए हैं और स्कूलों व कॉलेजों में एंटी-ड्रग क्लब, प्रहरी क्लब और साथी शिक्षा कार्यक्रम को अधिक सक्रिय बनाया जा रहा है। भांग की खेती पर विशेष निगरानी और फार्मा इकाइयों की कड़ी जांच जारी है।

सीएम सुक्खू ने घोषणा की कि प्रदेश में ‘चिट्टा सूचना इनाम योजना’ शुरू की जाएगी, जिसके तहत चिट्टा तस्करी की सूचना देने वाले व्यक्ति को 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक का इनाम दिया जाएगा। सूचना 112 नंबर पर कॉल कर या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दी जा सकती है और इनाम 30 दिनों के भीतर प्रदान किया जाएगा। उन्होंने लोगों से नशे के खिलाफ जनता आधारित आंदोलन में भागीदार बनने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में एनडीपीएस मामलों में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस अवधि में 5642 मामले दर्ज किए गए, 8216 गिरफ्तारियां हुईं और 36.657 किलो चिट्टा बरामद किया गया। राज्य में PIT NDPS लागू किया गया है, जिसके तहत 46 कुख्यात तस्करों को हिरासत में लिया गया और 48 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना है जिसने पंचायतों को रेड, येलो और ग्रीन वर्गों में बांटकर 12 हजार प्रभावित व्यक्तियों की पहचान की है।

बैठक में यह भी अवगत करवाया गया कि 17 और 18 नवंबर को राज्यव्यापी नाकाबंदी के दौरान 16,441 वाहनों की जांच की गई और 13 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए। 22 नवंबर को 121 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर 10 बड़े तस्कर नेटवर्क पर कठोर कार्रवाई की गई। 25 नवंबर को शिक्षण संस्थानों के आसपास अभियान चलाकर 41 परिसरों और 598 दुकानों की तलाशी की गई, जिसमें 12 केस दर्ज हुए और 385 चालान किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्त हिमाचल का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब समाज का हर वर्ग इस जन आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेगा।

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