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कांगड़ा, 05 दिसंबर। वीरवार देर शाम हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के कोतवाली बाजार धर्मशाला स्थित होटल धौलाधार में भीषण आग लग गई। आग लगते ही पूरे होटल में अफरा-तफरी मच गई। होटल स्टाफ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अधिकारियों और पर्यटकों समेत सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। यह राहत की बात है कि इस बड़े हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
हालांकि, आग के कारण फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य कीमती सामान जलकर राख हो गए। आग से पूरे परिसर में घना धुआं भर गया, जिससे लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कतें हुईं। एचपीटीडीसी के एजीएम कैलाश ठाकुर ने इस घटना में लगभग 100 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है।
कांगड़ा जिले का यह होटल निगम का सबसे पुराना प्रतिष्ठान है। इसमें एक बड़ा मीटिंग हॉल, एक रेस्तरां और लगभग 27 कमरे हैं। वीरवार शाम करीब 7:30 बजे होटल के किचन में एलपीजी गैस रिसाव से आग भड़क उठी। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की तीन बड़ी गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं। आग बुझाने के लिए कांगड़ा से भी अतिरिक्त दमकल गाड़ियां बुलानी पड़ीं।
होटल परिसर के बाहर बनी पेड पार्किंग में स्थानीय लोगों और पर्यटकों की गाड़ियाँ खड़ी थीं। इससे दमकल वाहनों को अंदर पहुँचने में बड़ी परेशानी आई। पहले दमकल वाहन का सामने वाला शीशा होटल के प्रवेश द्वार की छत से टकराकर टूट गया। जब तक आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया, आग की लपटें रिसेप्शन से मीटिंग हॉल की छत को पार करके होटल की ऊपरी मंजिल तक फैल गईं।
हादसे के वक्त होटल में विधानसभा सत्र के लिए आए कई बड़े अधिकारी ठहरे हुए थे। इनमें मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव डॉ. हरीश गज्जू, विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा, एचपीटीडीसी के एमडी राजीव कुमार शामिल थे। इनके अलावा उद्यान विभाग के निदेशक और पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त सचिव समेत कई पर्यटक भी होटल में मौजूद थे। आग लगने के बाद सभी मेहमानों और अधिकारियों को तुरंत सुरक्षित बाहर निकाला गया। मौके पर एचपीटीडीसी के उपाध्यक्ष आरएस बाली और कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा भी पहुँचे। एचपीटीडीसी होटल धौलाधार को हिमाचल का एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र माना जाता था।
