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शिमला, 03 नवंबर। हिमाचल प्रदेश के बस अड्डों का संचालन एचआरटीसी के वरिष्ठ कर्मचारियों सहित सब-इंस्पेक्टर करेंगे। एचआरटीसी के एमडी निपुण जिंदल ने बस अड्डों का संचालन वरिष्ठ कर्मचारियों को सौंपने का मन बना लिया है। ऐसे में बस अड्डों का संचालन कर रहे उन चालकों-परिचालकों को हटाया जाना है, जो वरिष्ठता की सूची से कोसों दूर हैं और दांव पेंच के सहारे साहबगिरी कर रहे हैं।
यह सब हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुई एमडी की बैठक में तय हुआ है। एमडी निपुण जिंदल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि बस अड्डों के संचालन से कनिष्ठ चालकों और परिचालकों को हटाया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने पहली जनवरी 2026 से नई ट्रांसफर पॉलिसी लागू की करने की मांग भी एमडी के समक्ष रखी है।
एचआरटीसी के कार्य में पारदर्शिता लाने तथा दुर्घटनाओं या अन्य परिस्थितियों में चालकों एवं परिचालकों पर अनुचित रिकवरी न किए जाने की मांग को भी एमडी ने सैद्धांतिक तौर पर मान लिया है। बैठक में सर्वसम्मति से महेंंद्र कुमार को प्रांतीय संगठन मंत्री, तथा ललित कुमार को प्रांतीय सह-संगठन मंत्री नियुक्त किया गया। संघ का प्रतिनिधिमंडल प्यार सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में निगम के प्रबंध निदेशक निपुण जिंदल से मिला। प्यार सिंह ठाकुर ने कहा कि अवैध वोल्वो संचालन से एचआरटीसी को नुकसान हो रहा है। एमडी निपुण जिंदल को इससे अवगत करवाया गया है।
एचआरटीसी को 2200 करोड़ का घाटा
हिमाचल प्रदेश में 141बस अड्डे एवं डिपो हैं। 4500 से ज्यादा चालक-परिचालक हैं, जबकि कर्मचारियों की संख्या नौ हजार के करीब है। एचआरटीसी के बेड़े में कुल 3302 बसें हैं। इनमें से 2900 बसें डीजल से चलाई जा रही हैं, जबकि 400 बसें इलेक्ट्रिक हैं। एचआरटीसी का घाटा 2200 करोड़ का है। एचआरटीसी के बेड़े में हर दिन चार लाख लोग यात्रा करते हैं।
