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हिमाचल: राज्य बना आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर, घटा कर्ज, बढ़ा निवेश और राजस्व

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शिमला, 05 नवंबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार ने आर्थिक प्रबंधन के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य सरकार घाटे से उभरकर अब “कमाऊ सरकार” के रूप में उभरी है। वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश ने 2776 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष दर्ज किया है, जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ है। इससे पहले पिछली सरकार के कार्यकाल में 762 करोड़ रुपये का घाटा था।

राज्य की ऋण निर्भरता में भी उल्लेखनीय कमी आई है। 31 मार्च 2025 तक कुल ऋण भार घटकर 27,764 करोड़ रुपये रह गया है, जबकि पहले यह लगभग 31,000 करोड़ रुपये था। सरकार ने वित्तीय सुधारों और पुनर्गठन के माध्यम से यह उपलब्धि हासिल की।

सुक्खू सरकार ने राजस्व वृद्धि में भी बेहतर प्रदर्शन किया है। वर्ष 2024-25 में 315 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाया गया और 280 करोड़ रुपये का पूंजीगत निवेश आकर्षित किया गया। प्रशासनिक सुधारों और वित्तीय अनुशासन पर ध्यान देते हुए सरकार ने गैर-जरूरी खर्चों पर नियंत्रण कर 20 प्रतिशत तक बचत की है। साथ ही कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया गया।

औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में सरकार ने नई निवेश नीति-2025 लागू की है। अब तक 315 नए औद्योगिक प्रोजेक्ट स्वीकृत हुए हैं, जिनसे 31,000 से अधिक रोजगार अवसर सृजित होंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्यटन और कृषि प्रसंस्करण क्षेत्रों में बड़े निवेश को बढ़ावा मिला है।

राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं को भी प्राथमिकता दी है। पेंशन में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई, वहीं महिलाओं और किसानों के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गईं। स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में 960 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए जाइका से 3000 करोड़ रुपये की परियोजना भी स्वीकृत करवाई गई है।

पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में सरकार ने ई-गवर्नेंस को अपनाया है। ई-ऑफिस, पेपरलेस सचिवालय और ऑनलाइन ट्रेजरी सिस्टम लागू किए गए हैं। जनता से सीधा संवाद सुनिश्चित करने के लिए “सीएम लाइव पोर्टल” शुरू किया गया है।

युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार ने 18 नए औद्योगिक क्षेत्रों में अवसर सृजित करने पर जोर दिया है। 250 करोड़ रुपये का स्टार्टअप फंड स्थापित किया गया और मोबाइल स्किल लैब्स के माध्यम से कौशल विकास को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

शिक्षा के क्षेत्र में 401 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट रखा गया है, जिसके तहत 25 नई स्कूल इमारतों का निर्माण किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए 13 नए अस्पताल ब्लॉक और 50 एम्बुलेंस यूनिट जोड़ी गई हैं।

सुक्खू सरकार के तीन वर्षों के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश ने पहली बार राजकोषीय संतुलन प्राप्त किया है। न्यायालय में ऐतिहासिक जीत के बाद वाइल्ड फ्लावर हॉल का स्वामित्व राज्य को मिला है, जिससे 401 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी। वहीं कड़छम-वांगतू जलविद्युत परियोजना में 12 प्रतिशत के स्थान पर अब 18 प्रतिशत रॉयल्टी राज्य को मिलेगी।

इन उपलब्धियों के साथ हिमाचल प्रदेश अब आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है।

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