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हिमाचल सरकार की RTI विरोधी साजिश?, सूचना आयुक्त का पद खाली, सुनवाई के लिए लटकी सैकड़ों अपीलें

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न्यूज अपडेट्स 
शिमला, 07 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में सूचना का अधिकार (RTI) अब मजाक बनकर रह गया है। ऑनलाइन RTI दाखिल करो, महीनों गुजर जाएं, जवाब का नामोनिशान नहीं। अपील करो तो पहली अपील पर भी अधिकारी मुंह फेर लेते हैं, और दूसरी अपील तो राज्य सूचना आयोग में पहुंचकर महीनों से लटकी पड़ी हैं।

वजह? राज्य सूचना आयुक्त का पद लगभग पिछले एक साल से ज्यादा समय से खाली पड़ा है। सरकार नियुक्ति करने का नाम नहीं ले रही, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2025 को साफ आदेश दिया था कि तीन हफ्तों में सभी रिक्तियां भरें। आज नवंबर चल रहा है, लेकिन हिमाचल सरकार ने कोर्ट की अवमानना करते हुए कोई कदम नहीं उठाया है।

जानकारी के अनुसार सैकड़ों RTI कार्यकर्ता और आम नागरिक सूचना के अधिकार के तहत जानकारियां न मिल पाने से परेशान हैं। एक तरफ प्रदेश सरकार ऑनलाइन RTI पोर्टल चलाती है, लोग फीस देकर आवेदन करते हैं, लेकिन अधिकारी जानबूझकर जवाब नहीं ही नहीं देते। अपीलें आयोग में पहुंचती हैं तो वहां कोई सुनवाई नहीं क्योंकि पूरा आयोग डिफंक्ट पड़ा है।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि जुलाई 2024 से अक्टूबर 2025 तक हिमाचल सहित कई राज्यों के सूचना आयोग पूरी तरह बंद रहे, कोई कमिश्नर ही नहीं। ये जानबूझकर की गई साजिश लगती है – सरकारें नहीं चाहतीं कि उनकी करतूतें बाहर आएं, इसलिए RTI को मार रही हैं।

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने अपने वक्तव्य में साफ कहा था कि RTI एक्ट को खत्म करने की कोशिश हो रही है, खाली पदों से पारदर्शिता खत्म हो रही है। प्रशांत भूषण जैसे वकीलों ने कोर्ट में तथ्य रखे कि हिमाचल और झारखंड जैसे राज्य पूरी तरह निष्क्रिय हैं, हजारों अपीलें लंबित। लेकिन हिमाचल की सुक्खू सरकार ने अदालती आदेश को भी ठेंगा दिखाया।

सबसे बड़ा सवाल यही है कि सरकार ने अगर नियुक्ति नहीं करनी तो ऑनलाइन पोर्टल बंद क्यों नहीं कर देते? लोगों की फीस लूटो और जवाब मत दो – ये तो खुली लूट है। कई मंचों पर RTI कार्यकर्ता चिल्ला-चिल्ला कर बता रहे हैं कि अधिकारी गंभीरता नहीं दिखाते, अपीलों पर कोई कार्रवाई नहीं। राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति न करने के पीछे सरकार की यह मंशा साफ होती है,  भ्रष्टाचार छुपाओ, जनता को अंधेरे में रखो। अब सुप्रीम कोर्ट अपने आदेशों की अवमानना पर प्रदेश सरकार पर कार्रवाई करे, तभी ये सरकार सुधरेगी।

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