न्यूज अपडेट्स
कांगड़ा, 12 नवंबर। उपभोक्ता आयोग जिला कांगड़ा के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा व सदस्य आरती सूद की अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत एक बैंक द्वारा सेवा में कमी के चलते शिकायतकर्त्ता उपभोक्ता को 45000 रुपए का मुआवजा अदा करने के आदेश सुनाए हैं। इसके अलावा बैंक द्वारा यह भुगतान आदेश जारी होने के 60 दिन के भीतर करना होगा, अन्यथा भुगतान राशि के तहत 9 प्रतिशत ब्याज भी लगेगा। इसके साथ ही बैंक द्वारा 15000 रुपए मुकद्दमेबाजी के रूप में भी अदा करने के आदेश जारी किए हैं।
आयोग में दर्ज शिकायत के अनुसार शिकायतकर्त्ता व्यक्ति ने बताया था कि उन्होंने घर निर्माण के लिए 60 लाख रुपए का ऋण मांगा था, परंतु बैंक ने केवल 30 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत किया और उसमें से भी मात्र 15 लाख रुपए तीन किस्ताें में जारी किए। शेष राशि बैंक ने जारी करने से मना कर दिया।
उपभोक्ता ने बैंक की इस देरी और असहयोग को सेवा में कमी बताते हुए आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। अपनी शिकायत में उपभोक्ता ने आरोप लगाया था कि ऋण का पूर्ण भुगतान करने के बाद भी बैंक ने नो ऑब्जैक्शन सर्टीफिकेट (एनओसी) देने में अत्यधिक देरी की।
रिकॉर्ड के अनुसार, बैंक को यह प्रमाण पत्र 12 अक्तूर 2024 तक जारी करना था, लेकिन 131 दिन की देरी के बाद 21 फरवरी 2025 को जारी किया गया। आयोग ने माना कि बैंक की ओर से एनओसी जारी करने में देरी सेवा में कमी है। जिसे आधार मानते हुए आयोग द्वारा उपभाेक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए संबंधित बैंक को उपरोक्त आदेश जारी किए गए हैं।
