न्यूज अपडेट्स
दिल्ली, 23 नवंबर। दिल्ली ISBT से हिमाचल मार्ग पर चलने वाली एक निजी वॉल्वो बस सेवा पर गंभीर आरोप सामने आए हैं। यात्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए दावा किया कि उनकी पत्नी को वैध टिकट होने के बावजूद बस से उतार दिया गया। उन्होंने बताया कि कंडक्टर ने फोन पर कहा कि “मुरथल आना पड़ेगा”, जबकि उनकी पत्नी अकेली थी। दोबारा फोन करने पर कंडक्टर ने बदतमीजी से बात की और कहा कि “जो करना है कर लो”।
यात्री का आरोप है कि टिकट का भुगतान होने के बावजूद न तो रिफंड दिया गया और न ही उचित व्यवहार। उन्होंने कहा कि निजी बसें बिना वैध परमिट, बिना यात्री बीमा और बिना किसी जिम्मेदारी के यात्रियों को ढो रही हैं। ऐसी स्थिति में किसी अनहोनी की जिम्मेदारी किसकी होगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
यात्री ने बताया कि मजबूरी में उन्हें 1000 रुपये खर्च कर HRTC में दोबारा टिकट करवाना पड़ा। उनका कहना है कि कई निजी बस ऑपरेटर पिक एंड ड्रॉप परमिट लेकर जगह-जगह यात्रियों को चढ़ाते हैं, एक ही परमिट पर कई गाड़ियां चलाते हैं और जहां–तहां यात्रियों को उतार देते हैं। देहरा, हनुमान चौंक जैसे स्थानों पर कई बार बिना जानकारी के यात्रियों को उतार दिया जाता है।
यात्री ने आरोप लगाया कि इन बसों में स्टाफ का व्यवहार गुंडों जैसा होता है और वे नेताओं एवं मंत्रियों का नाम लेकर दबाव बनाते हैं, मानो सरकार वही चला रहे हों। उन्होंने कहा कि यदि निजी बसों की ऐसी मनमानी जारी रही, तो HRTC की भूमिका ही खत्म हो जाएगी।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि निजी बस ऑपरेटरों की अवैध गतिविधियों, ओवरलोडिंग, फर्जी परमिट और खराब व्यवहार पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने चेतावनी दी कि कहीं बड़े हादसे के बाद सरकार जागे, यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
