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हिमाचल: स्टेट इलेक्शन कमिश्नर बोले - चुनाव करवाना और टालना सरकार के हाथ में नहीं

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शिमला, 11 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनावों को स्थगित करने पर राजनीति गरमाई हुई है। एक तरफ जहां भाजपा कांग्रेस सरकार पर चुनाव से भागने के आरोप लगा रही है। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू चुनावों को सिर्फ स्थगित करने की बात कह रहे हैं। लेकिन इस सब के बीच अब हिमाचल के स्टेट इलेक्शन कमीश्नर अनिल खाची का बयान सामने आया है।

स्टेट इलेक्शन कमिश्नर अनिल खाची ने कहा है कि चुनाव कराना या टालना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है। इन्हें कोई विभाग या सरकार अपने विवेक से नहीं टाल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि स्थितियां ठीक नहीं है, यह समझ में आता है, लेकिन चुनावों को टालने की बात समझ से परे है। अनिल खाची ने कहा कि पूरी जानकारी जुटाने के बाद मुख्यमंत्री से इस बारे में बात की जाएगी। 

उन्होंने कहा कि जहां तक आपदा की बात है, कमीशन जबरदस्ती चुनाव नहीं कराएगा। लेकिन यह जानना हमारा काम है कि चुनावों के लिए अभी दो माह का समय है। ऐसे में दो महीने में हालात ठीक करवाकर चुनाव करवाना संभव है।  स्टेट इलेक्शन कमिश्नर अनिल खाची ने तो यहां तक कहा है कि प्रदेश के अधिकतर गांवों में आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर और मिड.डे मील की सेवाएं चल रही हैं। इसका मतलब यह है कि हालात काफी हद तक ठीक हैं और चुनाव करवाए जा सकते हैै।

अनिल खाची ने यह भी स्पष्ट किया कि संवैधानिक रूप से पंचायत और नगर निकाय चुनाव हर पांच साल में कराने अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा कि दिसंबर में चुनाव कराना ही इलेक्शन कमीशन की प्राथमिकता है, ताकि जनवरी में भारी बर्फबारी वाले जिलों शिमला, मंडी, लाहौल.स्पीति, किन्नौर, कांगड़ा, कुल्लू और सिरमौर में चुनाव प्रभावित न हों।

वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल में चुनाव स्थगित किए गए हैं, रद्द नहीं किए गए हैं। उन्होंने साफ किया है कि चुनाव 23 जनवरी से पहले ही करवाए जाएंगे। लेकिन उससे पहले सरकार की प्राथमिकता प्रदेश की सड़कों का बहाल करना है। चुनावों में भारी संख्या में सरकारी अधिकारी की ड्यूटी लगती है। ऐसे में अगर अधिकारी चुनावी ड्यूटी पर चले जाएंगे तो आपदा राहत बांटने में मुश्किलें हो जाएंगी।

राज्य में पंचायत चुनाव को स्थगित करने की चर्चाओं को लेकर बीजेपी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमला तेज कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हार के डर से चुनाव टालने की योजना बना रही है। वहीं, मंत्री ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ शोर मचाना है और इस पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।

वर्तमान हालात और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आदेशों को देखते हुए, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि अभी तक आरक्षण रोस्टर लागू नहीं हुआ, जिससे समय पर चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इलेक्शन कमीशन की मंशा दिसंबर में चुनाव कराने की है, ताकि जनवरी में बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों में कोई व्यवधान न हो।

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