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सोलन, 20 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी में एक अंतरजातीय विवाह ने हत्या का रूप ले लिया है। क्षेत्र के पूर्व उपप्रधान सोहन लाल की उनके ही साले सुरेश कुमार उर्फ अक्कू ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह दर्दनाक घटना 17 अक्तूबर की दोपहर हुई। तीन दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी फरार है, जबकि पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं।
मामले ने तब गंभीर मोड़ लिया जब सोहन लाल का मरते दम तक रिकॉर्ड किया गया वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। इस वीडियो में उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। सोहन लाल ने कहा कि उन्होंने कई बार अपनी जान को खतरा होने की सूचना पुलिस को दी थी, यहां तक कि एसपी और डीजीपी को भी लिखित आवेदन भेजे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वीडियो में सोहन लाल ने बताया कि उन्होंने एक राजपूत लड़की से अंतरजातीय विवाह किया था, जिसके चलते उनके खिलाफ परिवार और समाज का विरोध बढ़ गया था। उन्होंने कहा कि लड़की ने भी पुलिस को बयान देकर अपनी सुरक्षा की बात कही थी, लेकिन पुलिस ने दोनों की शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया।
सोहन लाल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने झूठा पत्र जारी कर यह कहा कि उन्हें किसी प्रकार का खतरा नहीं है। उन्होंने दुख जताया कि पुलिस की इसी लापरवाही के कारण उनकी जान चली गई।
घटना के बाद बद्दी में लोगों में भारी आक्रोश है। शनिवार को परिजनों और स्थानीय लोगों ने बद्दी-साईं मार्ग पर करीब पांच घंटे तक चक्का जाम किया। उन्होंने आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।
एएसपी बद्दी अशोक वर्मा ने बताया कि आरोपी की तलाश में पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं और विभिन्न थानों में नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, सोहन लाल ने आरोपी सुरेश कुमार की बड़ी बहन से प्रेम विवाह किया था। यह विवाह जातिगत विवाद का कारण बन गया था। इस वजह से सोहन लाल को अपना गांव छोड़कर बद्दी में रहना पड़ा था। हाल ही में वह वापस अपने गांव लौटे थे, जहां यह हत्या की घटना घटी।
यह मामला न केवल सामाजिक कट्टरता और अंतरजातीय विवाहों को लेकर समाज के रुख पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि पुलिस प्रशासन की संवेदनशीलता पर भी गंभीर प्रश्न उठाता है। अगर पुलिस ने समय रहते शिकायतों पर कार्रवाई की होती, तो शायद सोहन लाल की जान बचाई जा सकती थी।
अब जनता और परिजन त्वरित न्याय और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। यह मामला हिमाचल प्रदेश में प्रशासनिक लापरवाही और सामाजिक असहिष्णुता का प्रतीक बन गया है।
