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हिमाचल : तहसीलदार की पिटाई मामले में पुलिस का एक्शन, सात लोगों को किया अरेस्ट

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कुल्लू, 14 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान तहसीलदार के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले ने अब गंभीर रूप ले लिया है। इस प्रकरण में पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य संदिग्धों की पहचान की जा रही है।

हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक DGP ने पुष्टि की है कि इस संवेदनशील और प्रतिष्ठा से जुड़े मामले की जांच अब उप पुलिस अधीक्षक (DSP) स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है, ताकि जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और पेशेवर तरीके से पूरी की जा सके।

DGP ने कहा कि कुल्लू दशहरा उत्सव जैसे बड़े और भीड़भाड़ वाले आयोजन के दौरान किसी सरकारी अधिकारी के साथ बदसलूकी बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कानून के उल्लंघन करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

पुलिस विभाग का उद्देश्य केवल दोषियों को सजा दिलाना ही नहीं, बल्कि यह संदेश देना भी है कि सरकारी कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस टीमें CCTV फुटेज और वीडियो साक्ष्यों की मदद से उन अन्य लोगों की पहचान कर रही हैं जो घटना के समय मौजूद थे या किसी रूप में इसमें शामिल थे। जल्द ही सभी आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य सहित चार्जशीट तैयार की जाएगी।

इस बीच, हिमाचल प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ (HPROA) ने इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। सोमवार को संघ का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस मुख्यालय शिमला में DGP से मिला और कुल्लू में तहसीलदार के साथ हुई मारपीट की कड़ी निंदा की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह न केवल एक सरकारी अधिकारी का अपमान है, बल्कि कानून-व्यवस्था पर सीधा हमला है।

प्रतिनिधिमंडल में जुंगा के तहसीलदार एवं संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह वर्मा, अर्की के तहसीलदार और महासचिव विपिन वर्मा, ठियोग के तहसीलदार विवेक नेगी, शिमला के जिला राजस्व अधिकारी संजीत शर्मा और कांगड़ा जिले के थुराल तहसीलदार राजेश जारयाल शामिल रहे। उन्होंने DGP को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इस तरह का बर्ताव करने की हिम्मत न करे।

DGP ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि पुलिस निष्पक्षता के साथ जांच करेगी और किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस विभाग न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करना भी उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

मामले से संबंधित FIR पुलिस थाना सदर, कुल्लू में दर्ज की गई है। इसमें BNS की धारा 126(2), 132, 121(1), 351(2), 356(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज हुआ है। इन धाराओं के तहत सरकारी कार्य में बाधा डालना, मारपीट करना और सार्वजनिक शांति भंग करने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच टीम स्थानीय प्रशासन और कार्यक्रम आयोजन समिति से भी पूछताछ कर रही है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि विवाद की स्थिति कैसे उत्पन्न हुई और मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने में क्या चूक हुई।

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